रमजान का आखिरी जुमाए घरों में हुई अलविदा की नमाज
.शहर का जायजा लेने सड़क पर उतरे एडीजीए डीएम व एसएसपी
न्यूज प्रहरी, मेरठ। ईदगाह व मस्जिदों में महज पांच लोगों ने नमाज पढ़ी। सड़कों पर सन्नाटा नजर आया। अलविदा जुमा की नमाज लोगों ने अपने घरों में रहकर पढ़ी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने एहतियात बरती और खुद एडीजीए डीएम एसएसपी जायजा लेने के लिए सड़कों पर उतरे।
शुक्रवार को रमजान का आखिरी जुमा था। हर साल आखिरी जुमे पर बाजारों की रौनक बढ़ जाया करती थी। सड़कों पर छोटे.बड़े सभी सफेद कुर्ते पायजामे में नजर आया करते थेए लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते ऐसा नहीं हुआ। पहली बार शाही जामा मस्जिद में सिर्फ पांच लोगों ने अलविदा की नमाज पढ़ी और कोरोना संकट से जल्द निजात की दुआ मांगी। जिलों में भी लोगों ने अपने.अपने घरों में अलविदा की नमाज पढ़ी। शहर हाजी जैनुल साजिद्दीन ने बताया कि शनिवार को चांद का दीदार किया जाएगा। संभवतरू 24 मई को पूरे देश में ईद का पर्व मनाया जाएगा।
धर्मगुरुओं की अपील का दिखा असर
शहर काजी जैनुल साजिद्दीन ने शहर के लोगों से अपील की थी कि कोरोना को देखते हुए लोग अलविदा की नमाज पढऩे मस्जिदों में न जाएं और न ही एक.दूसरे के घरों पर जाएं। इसका असर भी देखने को मिला। शहर की सभी मस्जिदों पर सन्नाटा ही पसरा रहा। लोगों ने घरों में रहकर ही अलविदा जुमा की नमाज को अदा किया।
ईद पर भी रहेगा सन्नाटा
आने वाले दो तीन दिनों में ईद भी आ रही हैए लेकिन जो जोश पिछले साल दिखाई पढ़ रहा थाए वह अबकी बार नहीं दिखाई दे रहा है। मुस्लिम इलाके जहां रातभर गुलजार रहते थेए वहीं इस बार बंद है। लोग भी ईद की खरीदारी के लिए नहीं निकल रहे हैं। धर्मगुरुओं ने भी आमजन से ईद के त्योहार को बहुत सादगी से मनाने की अपील की है। साथ ही गुजारिश की है कि ईद की नमाज भी घर में ही पढ़ी जाए। कोई भी ईदगाह या अन्य मस्जिदों में नमाज पढऩे न जाएं।
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