भय और भ्रांतियों के बीच फैल रहा कोरोना और उसका डर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी मैसेज
आइये जाने विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कहता है
वरिष्ठ सवांददातान्यूज प्रहरी मेरठ । जिस तेजी के साथ कोरोना अपने पांव पसार रहा है। उसी गति से भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहीं हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरी अफवाहए जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं।

इसके अलावा वायरल मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि गर्मी की मदद से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। इसी दावे में पीने और नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। चर्चाओं के बीच यह भी कहा जा रहा है कि यह सलाह यूनिसेफ ने दी है। यूनिसेफ के लिए काम कर रहीं चार्लेट गोर्निज्क ने एक निजी समाचार एजेंसी को दिए अपने साक्षात्कार में इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि आइस्क्रीमए कोल्ड ड्रिंक और अन्य ठंडी चीजों से दूर रहकर इस वायरस से बचा जा सकता हैए इस तरह का भी कोई मैसेज यूनिसेफ द्वारा नहीं जारी किया गया हैए यह मैसेज पूरी तरह से झूठा है।
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कैसे फैलता है कोरोना
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक 3,000 से अधिक कण यानी ड्रॉपलेट्स शरीर से बाहर आकर हवा में फैल जाते हैं। इन्हीं नन्हें कणों के ज़रिए कोरोना वायरस फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये कण सांस के रास्ते दूसरके व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा कभी कभी ये कण कपड़ोंए दरवाजों के हैंडल और आपके सामान पर गिरते हैं। उस जगह पर किसी का हाथ पड़े और फिर वो व्यक्ति उसी संक्रमित हाथ से अपनी आंखए नाक या मुंह छूता है तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है।इनसेट
यह भी जानें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शरीर पर एल्कोहल अथवा क्लोरीन के स्प्रे से कोरोना वायरस मरता नहीं है। इसका प्रयोग बचाव के तौर पर किया जा सकता है। इसके अलावा हाथ को सूखाने वाली मशीन हैंड ड्रायर और हीटर के प्रयोग से कोरोना वायरस नहीं मरता है। लहसुन का सेवन सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन इससे कोरोना से बचाव नहीं हो सकता है। सैलाइन से नाक साफ करने से जुकाम में जल्द आराम मिलता हैए लेकिन इससे कोरोना से बचाव नहीं हो सकता है।
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