कोरोना के खिलाफ ये युद्ध अभूतपूर्व भी और चुनौतीपूर्ण भी -मोदी 


रेडियो कार्यक्रम में की मन की बात 


न्यूज प्रहरी -नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को लेकर देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 63वें संस्करण के तहत लोगों को संबोधित किया।पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में लोगों से असुविधा के लिए क्षमा मांगी, लेकिन लॉकडाउन को जरूरी बताया। जानते हैं पीएम मोदी के मन की बात के प्रमुख अंश:-


पीएम मोदी ने कहा कि मैं इन कठोर फैसलों के लिए माफी चाहता हूं, जिन्होंने आपके जीवन में कठिनाइयों को जन्म दिया है, खासकर गरीब लोगों को इसने ज्यादा परेशान किया है। मुझे पता है कि आप में से कुछ मुझसे भी नाराज होंगे। लेकिन इस लड़ाई को जीतने के लिए इन कठोर उपायों की आवश्यकता थी।उन्होने साथ ही कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच जंग जैसी है। आगे कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कठिन है और इससे मुकाबले के लिए ऐसे कठोर फैसलों की आवश्यकता थी। भारत के लोगों को सुरक्षित रखना ज़रूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ज्ञान, विज्ञान, अमीर-गरीब, मजबूत-कमजोर सबको एक जैसी चुनौती दे रहा है। यह किसी भी देश की सीमाओं तक सीमित नहीं है, न ही यह क्षेत्र या मौसम में कोई भेद करता है।अपने संबोधन में कहा कि कई योद्धा ऐसे हैं जो अपने घरों के अंगर नहीं बल्कि अपने घरों के बाहर लड़ रहे हैं। ये हमारी अग्रिम पंक्ति के सैनिक.विशेषकर हमारे भाई.बहन नर्सए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के रूप में ड्यूटी पर हैं।उन्होने कहा मैं समझता हूं कि कोई भी जान.बूझकर नियमों को तोडऩा नहीं चाहता है, लेकिन कुछ लोग हैं जो ऐसा कर रहे हैं। उनके लिए, मैं कहूंगा कि यदि वे इसके उलटफेर इसका पालन नहीं करते हैं, तो खुद को कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

कार्यकम में पीएम मोदी ने कई योद्धाओं से टेलीफोन पर बातचीत की। श्री रामगम्पा तेजा जो एक प्रोफेशनल हैं जिन्होंने कोरोना को सफलतापूर्वक हराया है, उन्होंने अपने अनुभव प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा करते हुए कहा कि यह जानने पर कि मैं कोविड-.19 पॉजिटिव था, मैं तुरंत क्वारंटाइन में चला गया। ठीक होने के बाद भी, मैं कुछ दिनों के लिए अकेला रहना पसंद करता हूं। मैं अब नियमित रूप से अपने हाथ धोता हूं।पीएम मोदी ने उन लोगों की सराहना की जो कई लक्षण नहीं होने के बावजूद क्वारंटाइन में चले गए हैं। मैं उनकी जिम्मेदारी की भावना के लिए उनकी सराहना करता हूं। उन्होने कहा आपने देखा होगा कि सरकार ने बैंकिंग सेवाओं को खुला रखा है। और बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले लोग आपकी सेवा में हैं. पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ.-इस लड़ाई में हमारा नेतृत्व करते हैं।इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर इसके लिए लोगों से विचार एवं सुझाव मांगे थे ।

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