जिला मलेरिया अधिकारी ने सीएमओ कार्यालय में दी ट्रेनिंग
सीएमओ ने कहा- सर्विलांस के काम में होगी सहूलियत
गाजियाबाद, १९ मार्च, २०२०। महानिदेशक- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र भेजकर क्षय रोग विभाग में कार्यरत सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) और सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस) को अग्रिम आदेश तक जिला सर्विलांस यूनिट (आईडीएसपी) से संबंद्ध करने के आदेश दिए हैं। सीएमओ डा. एनके गुप्ता ने बताया आदेश के मुताबिक सभी को आईडीएसपी से संबद्ध कर दिया गया है। बृहस्पतिवार को जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा के नेतृत्व में सभी एसटीएस और एसटीएलएस को ट्रेनिंग भी दी गई। सीएमओ कार्यालय में संपन्न हुई ट्रेनिंग में बताया गया कि कोरोना संक्रमण संभावित व्यक्ति में कौन-कौन से लक्षण पाए जाते हैं।
महानिदेशक की ओर से सीएमओ को भेजे गए पत्र में कहा गया है - उत्तर प्रदेश घनी आबादी वाला सूबा है। लिहाजा वायरस का संक्रमण रोकने के लिए आम जन मानस को जागरूक करने के साथ-साथ विदेश यात्रा से लौटे हर व्यक्ति से मिलकर डिक्लेरेशन फार्म भरवाना आवश्यक है। प्रतिदिन राज्य स्तर पर इन सब बातों की रिपोर्टिंग होनी है। इसके लिए रोज आने वाले विदेश यात्रियों की ट्रैकिंग के साथ फालोअप भी होना है। ऐसे में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। डा. गुप्ता ने बताया अब तक हमारे पास डब्ल्यूएचओ के नौ मॉनीटर थे। एसटीएस और एसटीएलएस के आईडीएसपी से संबद्ध किए जाने के बाद मॉनीटरिंग करने वाली टीमें बढ़ जाएंगी और कोरोना संभावित लोगों की ट्रैंकिंग करना आसान हो जाएगा।
अब सात की जगह ११ देश को हाई रिस्क पर
सीएमओ ने बताया अब तक सात देशों से आने वाले यात्रियों को हाई रिश्क पर माना जा रहा था लेकिन अब इन देशों की संख्या बढ़कर ११ हो गई। अब तक चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी जैसे सात देश हाई रिश्क पर माने जा रहे थे लेकिन शासन से मिले निर्देशों के मुताबिक अब इन सात देशों के अलावा यूएई, कतर, ओमान और कुवैत से आने वाले यात्रियों को भी कड़ी निगरानी में रखा जाएगा। सीएमओ ने बताया इन लोगों को १४ दिन के क्वारोंटाइन में रखने के साथ ही जांच के लिए नमूना लिया जाना भी जरूरी हो गया है।
No comments:
Post a Comment