बढ़ता वायु प्रदूषण
राजीव त्यागी
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान को भी पार कर चुका है। दिल्ली गैस चैंबर में बदल चुका है, यहां एक्यआई 500 के पार दर्ज किया गया है। प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि प्रदूषण का मामला अब संसद और सुप्रीम कोर्ट में गूंजने लगा है। अनेक सांसदों ने प्रदूषण विशेषकर वायु प्रदूषण पर संसद में चर्चा की मांग की है। वहीं देश की सर्वोच्च अदालत ने वायु प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समस्या पर चुप नहीं रहा जा सकता और केंद्र सरकार से इस संबंध में प्रभावी एक्शन प्लान मांगा गया है। सर्वोच्च अदालत ने साफ कर दिया कि हवा की गुणवत्ता की समस्या गंभीर है और इसे तुरंत हल करने की दिशा में ऐसे कदम उठाने चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक के मुताबिक वायु प्रदूषण दुनिया के सबसे बड़े हेल्थ रिस्क में से एक है। इसकी वजह से हर साल दुनिया में करीब 67 लाख लोग समय से पहले मौत का शिकार होते हैं। हमारे देश भारत की बात करे तो वायु प्रदूषण की समस्या अत्यधिक गंभीर हो गई है। शहरों में वायु की गुणवत्ता या एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर है।
राजधानी दिल्ली में एक्यआई 500 पार पहुँच चुका है। एक्यूआई यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की क्वालिटी को बताने वाला एक स्कोर है, जो यह समझने में मदद करता है कि हमारे आसपास की हवा साफ है या प्रदूषित। एक्यूआई में हवा में मौजूद प्रदूषकों का स्तर मापा जाता है। एक्यूआई जितना बढता है हवा उतनी ही ज्यादा खतरनाक मानी जाती है।
वर्तमान में देश की राजधानी दिल्ली सहित बहुत से शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों के रूप में सबसे पहले स्थान पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर्यावरण प्रदूषण के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है और विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के मुताबिक दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरो में से 42 शहर भारत के हैं।
हर साल दिल्ली में होने वाली मौतों में से करीब 11.5 प्रतिशत प्रदूषण के कारण होती हैं। भारत में अत्यधिक वायु प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियां, त्वचा रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है और जीवन प्रत्याशा में भी कमी आई है। प्रदूषण आज दुनियाभर चिंता का विषय है। यह केवल भारत के लिए ही नहीं है बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है जो कई तरह के प्रदूषणों से पीड़ित है।





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