हाईकोर्ट बेंच की मांग

मेरठ बंद आज, बाजार सूने-दुकानों पर लटके ताले, ओपीडी ठप-धरने पर बैठे वकील

मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर बुधवार को मेरठ में ऐतिहासिक बंद का ऐलान किया गया। सुबह से ही शहर के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। खैरनगर, बुढ़ाना गेट, बेगमपुल, दिल्ली रोड, गढ़ रोड और बच्चा पार्क समेत कई इलाकों में दुकानों के शटर नहीं खुले। वहीं कचहरी के गेट पर वकील सुबह से ही धरने पर बैठ गए।



मेरठ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी बंद को पूर्ण समर्थन दिया। आईएमए अध्यक्ष डॉ. मनीषा त्यागी और सचिव डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि बुधवार को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चिकित्सक ओपीडी सेवाएं नहीं देंगे। हालांकि, मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह बहाल रखी गईं।

वकीलों की टीमें निकलीं मैदान में

बंद को सफल बनाने के लिए जिला बार एसोसिएशन और मेरठ बार एसोसिएशन की टीम सुबह 6 से 6:30 बजे के बीच कचहरी से शहर के विभिन्न इलाकों में निकली।मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा, महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा, जिला बार अध्यक्ष राजीव त्यागी और महामंत्री अमित कुमार राणा ने अधिवक्ताओं के साथ जनसंपर्क किया।

40 से अधिक टीमों ने किया जनजागरण

करीब 40 से अधिक टीमों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर व्यापारियों और आमजन से बंद का समर्थन करने की अपील की। इस दौरान आनंद कश्यप, रविंद्र कुमार, देवकीनंदन शर्मा, पूर्व महामंत्री आशीष चौरसिया, सचिन त्यागी समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

बाजारों में पसरा सन्नाटा

सुबह 9:30 बजे तक खैरनगर, सुमित बुढ़ाना गेट, जिमखाना मैदान समेत कई इलाकों में दुकानों के शटरों पर ताले लटके रहे। सड़कों पर आम दिनों की तुलना में आवाजाही कम दिखाई दी और बाजारों की रौनक पूरी तरह फीकी नजर आई।

सपा विधायक रफीक अंसारी बोले- भाजपा नेता ही सुस्त

सपा विधायक रफीक अंसारी ने कहा कि ये तो उनसे पूछिए जिनको पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच देना है। हम लोग तो विपक्ष में हैं। यूपी में और केंद्र में तो बीजेपी की सरकार है और भाजपा यहां सबसे मजबूत स्थिति में हैं। अगर भाजपा के नेता चाहते तो बहुत पहले बेंच मिल जाती। सबसे ज्यादा एमपी, एमएएलए भाजपा के हैं। प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष सब भाजपा के जीते हैं। लेकिन वेस्ट यूपी की उपेक्षा की जा रही है। ये अन्याय है। हम मांग करते हैं कि मेरठ को हाईकोर्ट बेंच मिलना चाहिए। ये वकीलों की नहीं जनता की मांग है। वहां हाईकोर्ट में लुटाई होती है, न्याय नहीं मिलता। जनता को आने-जाने में दिक्कत होती है हमारी पूरी ताकत से मांग है कि वेस्ट यूपी के मेरठ में हाईकोर्ट बेंच मिलना चाहिए।

पांच दशक से हाईकोर्ट बेंच की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता
। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बताया कि पिछले 5 दशकों से वह हाई कोर्ट बेंच की लड़ाई लड़ रहे हैं। उसके बावजूद भी मांग पूरी नहीं हो रही। उन्होंने पूर्व में जेल भरो आंदोलन के साथ मेरठ बंदी समेत जनप्रतिनिधियों का घेराव भी किया था। हम लेकिन हमेशा पश्चिम पर पूरब की लॉबी हावी होती हैं। लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि इस आंदोलन का कुछ तो निर्णय होगा।

1200 से अधिक संगठनों का समर्थन
मेरठ। अधिवक्तों ने बताया  कि इस बार 1200 से अधिक व्यापारिक संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। व्यापारी स्वेच्छा से ही बाजार बंद कर रखे। अधिवक्ताओं ने लोगों के बीच पहुंच कर पहल की, यह मांग नहीं बल्कि आवश्यकता है। इसी वजह से अधिवक्ताओं को जनता का सहयोग मिला । व्यापारियों के प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, स्कूल कॉलेज समेत ट्रांसपोर्ट संगठन ने बंदी का समर्थन किया ।

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