नमो भारत के लिए 2025 रहा उपलब्धियों भरा वर्ष

 प्रति दिन 55 हजार से अधिक यात्री कर रहे मैट्रो व नमो भारत  में सफर 

  मेरठ। नमो भारत के लिए वर्ष 2025 उपलब्धियों से भरा रहा। इससे पहले कि इसका समापन हो, नमो भारत ने परिचालन आरंभ होने के महज़ दो वर्षों के भीतर 2 करोड़ से अधिक कम्यूटर ट्रिप्स का आंकड़ा पार कर एक और बड़ा माइलस्टोन हासिल कर लिया है। यह यात्रियों के विश्वास और उनके बीच नमो भारत की बढ़ती स्वीकार्यता व लोकप्रियता को दिखाता है। इस वर्ष की शुरुआत ही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ हुई, जब 5 जनवरी 2025 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली–ग़ाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर अतिरिक्त खंड का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन के साथ ही नमो भारत कॉरिडोर का परिचालित खंड दिल्ली के न्यू अशोक नगर तक विस्तारित हो गया और आनंद विहार जैसा महत्वपूर्ण स्टेशन जोकि एक मल्टीमॉडल हब है, यात्रियों के लिए खोल दिया गया।

 कॉरिडोर के परिचालित खंड के इस विस्तार से नमो भारत के नेटवर्क में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और बड़ी संख्या में नए यात्री इससे जुड़े। 2025 के मध्य तक नमो भारत की प्रति माह राइडरशिप बढ़कर लगभग 15 लाख यात्रियों तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष इसी समय दर्ज की गई यात्रियों की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। इसी दौरान एक दिन में यात्रियों की सबसे अधिक संख्या यानी 81,500 भी दर्ज की गई। वर्तमान में, प्रतिदिन औसतन 55,000-60,000 यात्री नमो भारत से यात्रा कर रहे हैं तथा जल्द ही पूरे कॉरिडोर के परिचालित होने के साथ ही सार्वजनिक परिवहन का यह आधुनिक साधन प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

 वर्तमान में, न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 55 किलोमीटर लंबा खंड, 11 स्टेशनों के साथ जनता के लिए परिचालित है। शेष खंड में, नमो भारत और मेरठ मेट्रो के ट्रायल रन अग्रिम चरण में हैं और जल्द ही पूरा कॉरिडोर यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। दिल्ली में सराय काले खां से न्यू अशोक नगर और मेरठ में मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक के खंड के परिचालित होने के साथ ही यह कॉरिडोर, एनसीआर क्षेत्र के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

 फर्स्ट-माइल और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ कर एनसीआरटीसी यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा। जहाँ उबर और रैपिडो जैसे सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी ने यात्रियों के लिए पहुंच को सुगम बनाया, वहीं 'देवी' बस योजना यानी दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज योजना के अंतर्गत चलने वाली बसों के रूट को दिल्ली के मुख्य नमो भारत स्टेशनों के साथ एकीकृत किया गया। नमो भारत स्टेशन इनके आसपास स्थित शैक्षणिक, स्वास्थ्य और अन्य व्यावसायिक संस्थानों के लिए एक लैंडमार्क बन गए हैं और ये संस्थान अपने विज्ञापनों में नमो भारत से अपनी निकटता को प्रमुखता से पेश कर रहे है।

 दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेटेड टिकटिंग सिस्टम के ज़रिए यात्रियों को और अधिक सहज यात्रा का अनुभव मिल रहा है। यात्री नमो भारत और दिल्ली मेट्रो, दोनों में से किसी भी परिवहन सेवा के मोबाइल एप के माध्यम से दोनों की टिकट बुक कर सकते हैं। बीते तीन महीनों में 1 लाख से अधिक नए यूज़र्स ने नमो भारत कनेक्ट ऐप डाउनलोड किया है, जिसके साथ ही परिचालन आरंभ होने से लेकर अब तक ऐप के कुल यूज़र्स की संख्या 7.5 लाख तक पहुंच गई है।

 पूरे वर्ष के दौरान एनसीआरटीसी नमो भारत स्टेशनों को एक जीवंत ट्रांज़िट हब में परिवर्तित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा, ताकि स्टेशन केवल यात्रा का एक पड़ाव न रहकर, अनुभव और सामुदायिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित हों। इन्ही प्रयासों के अंतर्गत, आनंद विहार पर 'स्टोरीबॉक्स' नाम से एक बुक फेयर का आयोजन किया गया, जिसने यात्रियों को एक मौका दिया कि वे अपनी यात्रा के दौरान ही अपनी रुचि की किताबें ख़रीदकर घर ले जा सकें। नमो भारत अनप्लग्ड: म्यूजिकल फ्राइडे- सीज़न 2 के साथ संगीत ने लोगों को जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाई। इस पहल में युवा कलाकारों ने पूरे उत्साह से भाग लिया और यात्रियों से ढेरों प्रशंसा बटोरी। इसकी अपार सफलता के बाद, एनसीआरटीसी ने एक नए कार्यक्रम, नमो भारत बीट्स की शुरूआत की है। यह साप्ताहिक सोलो लाइव परफॉर्मेंस सीरीज़, यात्रियों को एक पल ठहर कर, एक साथ संगीत का आनंद लेते हुए, एक साझे अनुभव का अवसर प्रदान करती है।

 बाल दिवस के अवसर पर एनसीआरटीसी के एक विशेष आयोजन ने लोगों का दिल जीत लिया, जिसके तहत छात्रों ने एक दिन के लिए नमो भारत के ऑपरेशंस की कमान संभाली। टीम एनसीआरटीसी के मार्गदर्शन में बच्चों ने नमो भारत के ऑपरेशनल सिस्टम को करीब से जाना और स्टेशन कंट्रोलर, अनाउंसर तथा सुरक्षाकर्मियों जैसी भूमिकाएं निभाईं। बच्चों की जिज्ञासा और हँसी ने स्टेशन के वातावरण को ख़ुशनुमा बना दिया। विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी, ‘सितारे नमो भारत में’ ने न्यूरोडाइवर्स कलाकारों की रचनात्मकता को मंच प्रदान किया गया। न्यूरोडाइवर्स कलाकारों के चित्रों की इस, प्रदर्शनी ने यात्रियों को उनकी आँखों से दुनिया को देखने का एक अनोखा अवसर प्रदान किया। इसके अलावा एनसीआरटीसी ने नमो भारत शॉर्ट फिल्म-मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की और उन्हें सम्मानित किया। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत, युवा फिल्ममेकर्स को ऐसी मौलिक शॉर्ट-फिल्म का निर्माण करना था जिसमें नमो भारत ट्रेनों और स्टेशनों को उनकी कहानी के एक अभिन्न अंग के रूप में चित्रित किया गया हो, जिसमें देश भर से युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

 कारगिल विजय दिवस, क्रांति दिवस, जनजातीय गौरव दिवस, योग दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जैसे कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और सामाजिक अवसरों का उत्सव यात्रियों के साथ, उनके बीच स्टेशनों पर मनाया गया। इसके साथ ही, एनसीआरटीसी ने स्कूल के छात्र- छात्राओं को नमो भारत ट्रेन में यात्रा करने और परियोजना के विषय में जानने के लिए आमंत्रित किया, कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ तकनीकी ज्ञान साझा किया और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से इन्हें अनौपचारिक शिक्षा के केंद्र में परिवर्तित कर दिया जिसने उनके भीतर आधुनिक परिवहन प्रणालियों के प्रति जिज्ञासा और परिवहन के क्षेत्र में करियर बनाने में रुचि पैदा की।

 इसके अतिरिक्त, गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर एक आधुनिक को-वर्किंग स्पेस की शुरुआत की गई, जिससे प्रोफेशनल्स और दैनिक यात्रियों को परिवहन के साथ ही एक ऐसा स्थान मिला जो नेटवर्किग और काम करने की सुविधा प्रदान करता है। यह आधुनिक जीवनचर्या के अनुसार परिवहन साधन को डिज़ाइन करने के एनसीआरटीसी के दृष्टिकोण को दर्शाता है। साथ ही, कॉरिडोर के विभिन्न स्टेशनों पर फूड आउटलेट्स खोले गए जिन्होंने यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए सुकून के दो पल प्रदान किए।

 एनसीआरटीसी के लिए यात्रियों की सुरक्षा हमेशा से प्राथमिकता रही है। एनसीआरटीसी ने कई नमो भारत स्टेशनों के पास पुलिस चौकियों का निर्माण कर उन्हें सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया, जिसमें आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई शामिल हैं। यह यात्रियों को स्टेशन या ट्रेन सेवाओं से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने या किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त करने में सहायक होंगी। न्यू अशोक नगर में भी ऐसी ही एक चौकी का निर्माण जल्द ही पूरा होने वाला है तथा कॉरिडोर के अन्य स्टेशनों पर भी चरणबद्ध तरीके से पुलिस चौकियों का निर्माण नियोजित है।

 एनसीआरटीसी ने पर्यावरणीय सततता के क्षेत्र में एक और सार्थक कदम बढ़ाते हुए दुहाई स्थित नमो भारत डिपो में अग्रणी 'सोलर ऑन ट्रैक' परियोजना की शुरुआत की, जो भारत में किसी भी आरआरटीएस या मेट्रो सिस्टम के लिए अपनी तरह की पहली परियोजना है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत, 70-मीटर के हिस्से में पिट व्हील ट्रैक पर 550 Wp के 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 15.4 kWp है। इस पहल से अनुमानित है कि प्रतिवर्ष लगभग 17,500 किलोवाट ऊर्जा उत्पन्न होगी, जिसके परिणामस्वरूप हर साल 16 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी अनुमानित है।

 एनसीआरटीसी ने पावर एक्सचेंजों के माध्यम से बिजली खरीदना शुरू कर दिया है, गाज़ियाबाद और मुरादनगर आरएसएस दोनों के लिए अब एक्सचेंज के माध्यम से बिजली प्राप्त की जा रही है जिससे ट्रेन संचालन और स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विश्वसनीय और लागत प्रभावी बिजली आपूर्ति संभव हो सकेगी। इस पहल से गाजियाबाद आरएसएस से सालाना तीन करोड़ से अधिक की बचत होने की उम्मीद है। इस नेटवर्क में मुरादनगर आरएसएस के बाद अब इससे भी समान राशि की बचत अनुमानित है। एनसीआरटीसी का सतत भविष्य का लक्ष्य है कि प्राप्त कुल बिजली का लगभग 15% हर साल हरित ऊर्जा से मिल सके। एनसीआरटीसी ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड को उत्तर प्रदेश में 110 MW कैप्टिव सौर ऊर्जा संयंत्र के विकास का काम सौंपकर दीर्घकालिक स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम उठाया। एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से विकसित होने वाला यह प्रोजेक्ट राज्य ग्रिड के माध्यम से बिजली की आपूर्ति करेगा और उम्मीद है कि यह कॉरिडोर की कुल बिजली आवश्यकता का लगभग 60% पूरा करेगा, जबकि इससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में सालाना लगभग 1.77 लाख टन की कमी आएगी।

 एनसीआरटीसी नमो भारत को एक ऐसी हरित परिवहन प्रणाली के रूप में विकसित करने के लिए प्रयासरत है जो एक सतत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करे। इसी क्रम में एनसीआरटीसी सभी नमो भारत स्टेशनों, डिपो आदि पर सोलर पावर प्लांट स्थापित कर रहा है जिससे 15 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्सर्जन का लक्ष्य है। इसमें से वर्तमान में लगभग 5 मेगावॉट ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे सालाना लगभग 5,700 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम हो रहा है। एनसीआरटीसी के सस्टेनेबिलिटी प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान भी मिली, जिसमें आनंद विहार नमो भारत (अंडरग्राउंड) स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा प्लेटिनम रेटिंग दी गई, जो आईजीबीसी के ग्रीन सर्टिफिकेशन के तहत सबसे ऊंची रेटिंग है।

 एनसीआरटीसी ने जेएफपीआर के तहत सहायक उपकरणों का मुफ़्त वितरण अभियान भी आयोजित किया, ताकि लाभार्थियों की मोबिलिटी और अवसरों तक पहुंच को बढ़ाया जा सके। इस पहल के तहत, दिव्यांग व्यक्तियों को व्हीलचेयर, स्मार्ट केन, बैसाखी और हियरिंग एड मशीनें बांटी गईं। इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को स्वरोजगार और कौशल-आधारित आजीविका को बढ़ावा देने के लिए सिलाई मशीनें दी गईं।

 एनसीआरटीसी ने सालभर में कई प्रदर्शनियों और कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। 18वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया (UMI) कॉन्क्लेव और एक्सपो-2025 में एनसीआरटीसी ने नमो भारत परियोजना की प्रमुख विशेषताओं को प्रदर्शित किया, जिसमें ईटीसीएस हाइब्रिड लेवल-3 सिग्नलिंग और मेरठ मेट्रो मॉडल शामिल हैं। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री शलभ गोयल ने भी यूएमआई के एक विशेष सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें स्थायी शहरी विकास में उच्च क्षमता वाले सार्वजनिक परिवहन की भूमिका को रेखांकित किया गया। इस दौरान एनसीआरटीसी को अपनी प्रदर्शनी के लिए 'Best Exhibitor ' का पुरस्कार मिला। एनसीआरटीसी ने बार्सिलोना में ‘टुमॉरो मोबिलिटी वर्ल्ड कांग्रेस-2025’ में भारत की प्रथम नमो भारत की विशेषताओं को भी प्रस्तुत किया, और वैश्विक मोबिलिटी विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ बातचीत की। इसके अलावा, श्री शलभ गोयल ने न्यूकैसल, यूनाइटेड किंगडम में UITP क्षेत्रीय और उपनगरीय रेलवे समिति की बैठक को संबोधित किया और क्षेत्रीय व उपनगरीय रेल प्रणालियों में उभरते रुझानों पर अपने विचार साझा किए।

 एनसीआरटीसी ने इस वर्ष वैश्विक मंचों और पुरस्कारों में भी अपनी उपस्थिति सशक्त रूप से दर्ज कराई। इसी क्रम में जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित यूआईटीपी ग्लोबल पब्लिक ट्रांसपोर्ट समिट 2025 में एनसीआरटीसी को ‘Public and Urban Transportation Strategy’ श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित यूआईटीपी  पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा एनसीआरटीसी को बेस्ट ई-गवर्नेंस प्रैक्टिसेज/इनोवेशन इन साइबर सिक्योरिटी श्रेणी में नमो भारत परियोजना में साइबर और डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़  बनाने के अग्रणीय प्रयास के लिए  प्रतिष्ठित ई-गवर्नेंस 2025 राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्वर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही रेलवे क्षेत्र में इसके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित इंफ्रा रेल शो अवार्ड्स 2025 में तीन श्रेणियों में सम्मान भी प्रदान किया गया।

नमो भारत के अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं का अनुभव करने के लिए, कॉरिडोर में कई गणमान्य व्यक्तियों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों ने दौरा किया। इनमें एशियन डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष, मासातो कांडा, विभिन्न एशियाई देशों और स्पेन के परिवहन विशेषज्ञों का प्रतिनिधिमंडल शामिल था। इन गणमान्य व्यक्तियों ने नमो भारत की गुणवत्ता और नियोजित सहज मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन की सराहना की।

 उन्नत तकनीकों के माध्यम से सिस्टम की विश्वसनीयता को मजबूत करते हुए एनसीआरटीसी ने दिल्ली- मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर ड्रोन-आधारित ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) मॉनिटरिंग प्रणाली की शुरुआत की, जो रेलवे, आरआरटीएस और मेट्रो प्रणालियों के रखरखाव के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरों, थर्मल सेंसर और एआई-संचालित एनालिटिक्स से लैस ये ड्रोन, स्मार्ट, सुरक्षित और तीव्र ढंग से ओएचई की मॉनिटरिंग करने में सक्षम हैं। ये ड्रोन ओवरहेड लाइनों के डीटेल्ड दृश्य कैप्चर करते हैं। इनके माध्यम से सटीक और बिना किसी हस्तक्षेप के निरीक्षण किया जा सकता है। यह परिचालन दक्षता को बढ़ाता है और यात्रियों के लिए निर्बाध सेवा सुनिश्चित करने में मदद करता है

 नमो भारत का संचालन पूरे क्षेत्र में ट्रांजिट-ओरिएंटेड शहरी विकास के लिए एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभरा है। एनसीआरटीसी ने मेरठ और गाज़ियाबाद के 2031 के मास्टरप्लान में ट्रांज़िट ओरिएटेंड डेवलेपमेंट (टीओडी) को शामिल करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिल्ली के सराय काले खां और जंगपुरा के टीओडी नोड पर भी एनसीआरटीसी द्वारा बनाए गए इंफ्लुएंस ज़ोन प्लान को डीडीए द्वारा अनुमति मिल गई है। उत्तर प्रदेश की पहली इंटीग्रेटिड ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट टाउनशिप की नींव रखी गई है और इसी तरह गाज़ियाबाद मे हरनंदीपुरम टाउनशिप विकसित करने की योजना है।

2025 में हासिल की गई उपलब्धियों के आधार पर एनसीआरटीसी विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर मुख्य ध्यान केंद्रित करते हुए आने वाले वर्ष की ओर बढ़ रहा है। प्रस्तावित दिल्ली-पानीपत-करनाल और दिल्ली-गुरुग्राम-बावल नमो भारत कॉरिडोर को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जबकि गाजियाबाद-जेवर और गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा कॉरिडोर के लिए चर्चाएं चल रही हैं। कई अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की क्षेत्रीय रेल प्रणालियों को अपनाने में रुचि दिखाई है, और एनसीआरटीसी इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रहा है। जैसे-जैसे नेटवर्क बढ़ रहा है, एनसीआरटीसी एक तेज़, भरोसेमंद और समावेशी सिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो क्षेत्र की बदलती ज़रूरतों को पूरा करें। नमो भारत नए साल में नई उम्मीदों और नए लक्ष्यों के साथ देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के भविष्य को ज़्यादा टिकाऊ भविष्य बनाने की और निरंतर अग्रसर रहेंगी।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts