आर्गेनिक खेती द्वारा लोगों को अच्छी सेहत की सौगात के साथ-2 भारी मुनाफा कमा सकते -राजीव त्यागी
- वेंक्टेश्वरा के कृषि शोध संस्थान’’ में पौने छः फीट की आर्गेनिक लौकी के साथ चार दर्जन से अधिक सब्जियों व मोटे अनाज की खेती
- आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक रूप से बिना पेस्टीसाईड एवं बिना फर्टीलाईजर वाली एक सौ बारह किस्में समेत पालक, मैंथी, सरसो, बथुआ, गाजर, मटर, मूली, गन्ना एवं चुकन्दर आदि की शानदार खेती कर देश के अन्नदाताओ को दिया जहरीले कृत्रिम खाद एवं पेस्टीसाईड मुक्त प्राकृतिक खेती का सन्देश।
- अन्धाधुंध रासायनिक खादो एवं पेस्टीसाईड का प्रयोग कैंसर समेत विभिन्न गम्भीर बिमारियों को जन्म देकर करोड़ो लोगो की जिन्दगी को धीमे जहर की तरह निगल रहा है, आईये हम सब मिलकर आर्गेनिक खेती के साथ कदमताल करें- श्री सुधीर गिरि, संस्थापक अध्यश वेंक्टेश्वरा समूह
- भारत के भाग्य विधाता सभी सम्मानित अन्नदाताओ से अपील कि वैज्ञानिक तरीको से आर्गनिक खेती की ओर आगे बढकर प्रधानमंत्री के ’’स्वस्थ भारत-आयुष्मान भारत’’ मिशन में अपना प्रभावी योगदान दे- डाॅ0 राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति, श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय
- आर्गेनिक खेती को यदि सही वैज्ञानिक तकनीको के द्वारा किया जाये तो यह शरीर की सेहत के साथ-2 हमारी जेब की अच्छी सेहत यानि ’’इनकम’’ का भी पूरा ख्याल रखती है- प्रो. (डाॅ.) थाॅमस एब्राहम, विख्यात कृषि वैज्ञानिक एवं डीन वेंक्टेश्वरा स्कूल आॅफ एग्रीकल्चर व कृषि शोध संस्थान
मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के कृषि शोध संस्थान में आर्गेनिक कृषि शोध यात्रा’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि शोध संस्थान के वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों ने बताया कि कृषि फाॅर्म एवं शोध संस्थान में 30 से अधिक आर्गेनिक सब्जियों की उन्नत खेती के साथ एक दर्जन प्राकृतिक खाद्यान्नो व मोटे अनाजो की अधिक पैदावार वाली खेती हो रही है।
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी एवं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक प्रो. थाॅमस एब्राहम ने बताया कि वेंक्टेश्वरा कृषि शोध संस्थान मंे पौने छः फीट की आर्गेनिक लौकी की खेती के साथ-2 दो दर्जन से अधिक सब्जियो एवं खाद्यान्नों समेत 50 से करीब फसलो की उन्नत खेती हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में किसी निजी संस्थान में शायद पहली बार एक साथ काले गेहूँ के साथ गेहूँ की एक सौ बारह किस्मों की खेती हो रही है। अगले साल से जनपद के ही नहीं अन्य प्रदेशो के किसान भाई यहां से गेहूँ की सौ से अधिक उन्नत किस्मों के बीज खरीद सकते है। उन्होने सभी किसान भाईयो से संस्थान आकर विजिट करने की भी अपील की।
प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी ने कहा कि वेंक्टेश्वरा द्वारा आयोजित इस ’’आर्गेनिक कृषि शोध यात्रा’’ का उद्देश्य देशभर के सम्मानित किसान भाईयो को यह बताना है कि बिना रासायनिक खाद व बिना कीटनाशक के बिना भी हम आर्गेनिक खेती द्वारा लोगो को अच्छी सेहत की सौगात के साथ-2 भारी मुनाफा कमा सकते है।
इस अवसर पर निदेशक डीन एग्रीकल्चर प्रो. (डाॅ.) थाॅमस एब्राहम, डाॅ. शेषनाश मिश्रा, डाॅ. माता प्रसाद, डाॅ. विनय कुमार सिंह, डाॅ. ज्योति सिंह, डाॅ. ब्रजकिशोर, डाॅ. वरूण त्रिपाठी, डाॅ. चन्द्रकान्त सिंह, डाॅ. अभिषेक सिंह, डाॅ. आशिया वाहिद, कौशल कुमार, अनुपम शर्मा, उदित तिवारी, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे।




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