सीएमओ ने परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता हेतु सारथी रथ को दिखाई हरी झंडी
मेरठ। परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया ने सारथी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनमानस को परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूक किया जाएगा। सारथी वाहन समुदाय में जागरूकता के लिए भेजे जा रहे हैं।
सीएमओ ने बताया कि सारथी वाहनों के माध्यम से आम जनमानस को परिवार नियोजन के फायदे बताकर उसके प्रति जागरूक किया जाएगा। शहरी और ब्लाक में गांव-गाँव घूम कर परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा देने हेतु परिवार नियोजन के अस्थाई और स्थाई साधनों के प्रयोग के लिये प्रेरित कर सीमित और छोटे परिवार का सन्देश देने और दो बच्चों के जन्म में तीन साल का अन्तर रखने का सन्देश देने के साथ ही वहां के लोगो को जागरूक करने का काम करेगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच नोडल) डॉ . पूजा शर्मा ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य सुधार में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मना रहा है, जिसमें परिवार नियोजन से जुड़ी विभिन्न सेवाएँ दी जाएँगी। इस दौरान समस्त जिला स्तरीय तथा ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयो में प्रतिदिन पुरुष एवं महिला नसबंदी के साथ अन्य परिवार नियोजन सम्बन्धी सेवाये जैसे कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन, माला एन गोली, छाया गोली, इमरजेंसी कॉण्ट्रासैप्टिव पिल्स तथा कॉन्डोम की मुफ्त सेवा उपलब्ध रहेगी। एएनएम व आशा कार्यकर्ता पुरुषों को परिवार नियोजन के साधनों, सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, दो बच्चो के जन्म अंतराल तथा प्रसवोत्तर सेवाओं की जानकारी देंगे। सारथी वाहनों के माध्यम से परिवार नियोजन की आवश्यकता, परिवार नियोजन के साधनों, महिला एवं पुरुष नसबंदी के फायदे तथा इसके लिए लाभार्थी को दी जाने वाली धनराशि के बारे में जानकारी दी जायेगी। समाज में परिवार नियोजन के विषय में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए सारथी वाहन द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए ऑडियो क्लिप एवं पम्पलेट का भी सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया मात्र 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है और सामान्यतः दो दिन के आराम की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पहल पुरुषों को करनी चाहिए क्योंकि यह प्रक्रिया महिलाओं की तुलना में अधिक सरल और सुरक्षित है। जिले में वर्ष 2025-26 के लिए 294 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 73 पुरुष नसबंदी सम्पन्न हो चुकी हैं।
परिवार नियोजन में मिलती है प्रोत्साहन राशि
परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुष नसबंदी करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और कम से कम एक बच्चा होना जरूरी है जिसकी आयु एक वर्ष पूरी हो चुकी हो। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी अधिक रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को रू0 3000/- लाभार्थी के बैंक खाते में दिए जाते है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी रू0 400/- मिलता है। महिला लाभार्थी को नसबन्दी कराने पर रू0 2000/- और प्रेरक को रू0 300/- की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
सारथी वाहन के शुभारम्भ के अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प.क.) डॉ. पूजा शर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ0 प्रवीन गौतम, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, जिला कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबंधक हरपाल सिंह, अर्बन हेल्थ कॉर्डिनेटर राजीव त्यागी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बाबूराम, सी.सी.पी.एम. राकेश कुमार, प्रतिनिधि जे.एस.आई. अलताफ अली, चीफ फार्मासिस्ट युद्धवीर सिंह, प्रमोद कुमार, पी.एस.आई. से तरुण सुडियाल, अनिल कुमार, ऍफ़.पी. लोजिस्टिक प्रबंधक हुसैन अहमद, कुलदीप यादव व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।


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