ग्रामीण विकास और विज्ञापन नैतिकता पर पत्रकारिता विभाग में बौद्धिक मंथन
स्वामी विवेकानंद सुभारती विवि में जागरूकता क्विज़ का आयोजन
मेरठ: स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एक गतिशील शैक्षिक दिवस रहा। विभागीय शोधार्थी ने "ग्रामीण विकास में पारंपरिक मीडिया की भूमिका" पर अपने शोध का सफलतापूर्वक रक्षण किया। साथ ही, "आधुनिक विज्ञापन में नैतिकता" विषय पर अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसने छात्रों और शिक्षकों को मीडिया की दो अहम धाराओं पर गंभीर चिंतन का मौका दिया।
विभाग के शोधार्थी हर्ष तोमर ने "ग्रामीण विकास में पारंपरिक मीडिया की भूमिका" विषय पर अपने शोध प्रबंध का सफलतापूर्वक रक्षण किया । इस महत्वपूर्ण अवसर पर बाह्य परीक्षकों के रूप में भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) की सह-आचार्या डॉ. मीता उज्जैन, डॉ. जागेश्वर नाथ सिंह, संकायाध्यक्ष विधि विभाग, कोएर विश्वविद्यालय, रुड़की एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सूर्य प्रकाश उपस्थित रहे । विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) ऋतेष चौधरी के निर्देशन में हुए इस शोध की सभी ने सराहना की। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुधीर त्यागी, शोध निदेशक डॉ. लुभान सिंह, और निदेशक आर.पी. सिंह सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ प्रोफेसर, शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
आधुनिक विज्ञापन और नैतिक चुनौतियाँ
इसके तुरंत बाद, विभाग ने "आधुनिक विज्ञापन में नैतिकता" विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया । कार्यक्रम की मुख्य वक्ता आईआईएमसी की सह-आचार्या डॉ. मीता उज्जैन ने विज्ञापन की दुनिया में मौजूद नैतिक दुविधाओं पर प्रकाश डाला । उन्होंने स्पष्ट किया कि विज्ञापन में ईमानदारी और पारदर्शिता उपभोक्ता का विश्वास जीतने के लिए अनिवार्य है । उन्होंने कहा, "सफल विज्ञापन केवल उत्पाद नहीं बेचता, बल्कि ब्रांड की प्रतिष्ठा भी बनाता है। भ्रामक दावे नुकसान पहुँचाते हैं।"
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) ऋतेष चौधरी ने कहा, "डिजिटल युग में रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन साधना आवश्यक है।" उन्होंने इस आयोजन को छात्रों के लिए प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम का सफल संयोजन सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी ने किया। इस दौरान विभाग के निदेशक प्रोफे. आर.पी. सिंह, प्रोफेसर अशोक त्यागी, सह-आचार्य डॉ. संतोष गौतम, डॉ. आशुतोष वर्मा, डॉ. प्रीति सिंह, तरुण जैन, व विभाग के परास्नातक एवं स्नातक के छात्र-छात्रा मौजूद रहे।
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में सतर्कता जागरूकता क्विज
विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के शिक्षा विभाग ने डॉ. अंबेडकर चेयर के सहयोग से “अपने अधिकार जानो, अपना कर्तव्य जानो: सतर्कता जागरूकता क्विज़” का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों में मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की जागरूकता बढ़ाना था।
कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार शर्मा और सीईओ प्रो. (डॉ.) शल्याराज ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता जताई। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 16 के अनुरूप न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण पर जोर देती है।
डीन प्रो. (डॉ.) संदीप कुमार ने छात्रों को जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) इंदिरा सिंह ने नैतिक मूल्यों और सुशासन में सतर्कता के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. (डॉ.) अनोज राज ने सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, निष्ठा और पारदर्शिता की अहमियत पर अपने विचार साझा किए।
इस ऑनलाइन क्विज़ में 122 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सभी को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समन्वय सहायक प्राध्यापक वैशाली सैनी ने किया, और धन्यवाद प्रस्ताव के साथ इसका समापन हुआ। यह आयोजन सतर्कता और नैतिकता के संदेश को मजबूत करते हुए पारदर्शी शासन के विचारों का प्रचारक साबित हुआ।


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