वेतन न मिलने पर आशा वर्करों ने घेरा सीएमओ कार्यालय
बोली कैसे परिवार को चलाए , हर योजना में उनका उपयोग किया जा रहा
मेरठ। वेतन न मिलने समेत अन्य मांगों की मांग को लेकर जनपद की आशा वर्करों ने शनिवार को सीएमओ कार्यालय का घेराव कर डाला। उनका कहना था चार माह से उनका वेतन नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों से इस बारे में कई बार मांग की जा चुकी है। ऐसे में कैसे परिवार को चलाए। जबकि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की हर योजनाओं में उनका प्रयाेग किया जा रहा है।
मेरठ में आशा कार्यकर्ताओं का वेतन न मिलने के कारण और विभिन्न मांगों पर कोई सुनवाई न होने पर शनिवार को सभी कार्यकर्ता CMO ऑफिस पर पहुंची। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही हमने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए मांग पत्र सौंपा था। इसके बाद भी कोई मदद हमारी नहीं हुई इसलिए आज हम प्रदर्शन करने को मजबूर हुए हैं।आशाओं ने कहा कि हमारा रूका हुआ वेतन हमारी मुख्य मांग है। त्योहार पर भी हमे हमारा वेतन नहीं दिया गया। जब तक इस समस्या का कोई स्थाई और ठोस समाधान नहीं होता है हम अपने कार्य बंद कर हड़ताल करते हुए प्रदर्शन करेंगे।
शनिवार को आशा वर्कर सैकड़ों की संख्या में नारेबाजी करते हुए सीएमओ कार्यालय पहुंची।उन्होंने अपने वेतन के संबंध में 2000 में दम नहीं, 20000 से कम नहीं का नारा भी लगाया । इसी के साथ अन्य नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी रहा और बाद में उन्होंने अपना ज्ञापन सौंपा।
आशा कार्यकर्ताओं के संगठन की जिला अध्यक्ष नीलम ने कहा कि हम आज स्वास्थ्य विभाग को इस बात से अवगत कराने आए हैं कि हमारी मांगें अगर पूरी नहीं होती है तो हम कार्य का बहिष्कार करेंगें। हमारी आशा बहनें 10 रूपये में संचारी नहीं करेंगी। अपने काम के अलावा बहुत से अतिरिक्त काम विभाग द्वारा हमसे कराए जाते हैं जिसका हमे उसके हिसाब से पैसा नहीं मिलता है।
संचारी रोग में भी सभी को नहीं मिला पैसा
नीलम ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों की आशा बहनों को ही संचारी रोग के समय के अलग पैसे मिले हैं। शहरी क्षेत्र में किसी आशा को कोई पैसा नहीं मिलर। विभाग हमे ऐसा तोड़ तोड़कर पैसा देकर भी हमारे बीच फूट डलवाने का काम कर रहा है।निर्मेश त्यागी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग आशा कार्यकर्तओं को बंधवा मजदूर समझते हुए कार्य कराता है। वह इस बात को जानते हुए भी कि आशा बहने ही इस विभाग में रीड की हड्डी की तरह रहकर काम करती है। इसके बाद भी हमारा लगातार शोषण किया जा रहा है।
राष्ट्रीय कर्मचारी का मिले दर्जा
संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि आशा बहनों को भी राष्ट्रीय कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए। जितना हमे वेतन मिलता है उतने में घर चलाना संभव नहीं है। इसके साथ ही जब जब भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा हमारा पैसा रोका गया है फिर हमे वह नहीं मिला है इसलिए भी हम आज यहां अपने पैसे को लेकर एकत्रित हुए हैं।


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