भारत ने देश के सबसे भारी संचार उपग्रह  सीएमएस-03का सफल प्रेक्षपण किया 

पीएम मोदी ने इसरो ने दी बधाई 

नई दिल्ली। रविवार को भारत देश के सबसे भारी संचार उपग्रह  सीएमएस-3का सफल प्रेक्षपण किया। भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है और एलवीएम3-ए5 रॉकेट पर प्रक्षेपित किया गया, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित समय शाम 5.26 बजे प्रक्षेपित किया गया। 

इसरो ने अपने मिशन के बारे में एक अपडेट में कहा कि सीएमएस-03 सफलतापूर्वक पृथक हुआ। उत्तम प्रक्षेपण। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो की इस नवीनतम उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि इसरो टीम को बधाई। भारत का बाहुबली एलवीएम3एम5 मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ आसमान छू रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है। भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बदौलत हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र उत्कृष्टता और नवाचार का पर्याय बन गया है, यह सराहनीय है। उनकी सफलताओं ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है।

इससे पहले इसरो के एवीए3-एम-5 द्वारा सीएमएस-03 संचार उपग्रह के प्रक्षेपण पर इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि इस जीएसएलवी लांचर की क्षमता लगभग 4000 किलोग्राम जीटीओ तक ले जाने की है और पहली बार हमने 4410 किलोग्राम भार को दीर्घवृत्तीय कक्षा में पहुंचाया है। इसने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और यह एलबीएम-3 यान का आठवां प्रक्षेपण है। एलबीएम-3 यान के सभी प्रक्षेपण इसरो द्वारा सफलतापूर्वक किए गए हैं और यह 100 प्रतिशत विश्वसनीय यान है। यही यान हमारे गगनयात्री-2 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए भी निर्धारित है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को भारतीय नौसेना के जीएसएटी-7आर (सीएमएस-03) संचार उपग्रह का पृथक्करण और प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जिससे नौसेना की अंतरिक्ष-आधारित संचार और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमताओं को बल मिलेगा।



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