करवाचौथ पर  मेरठ  में छलका सुहागिनों का प्यार

चांद निकलते ही छलनी से किया दीदार, पति के हाथों तोड़ा व्रत

 मेरठ। मेरठ में शुक्रवार को पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व करवाचौथ पूरे उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। दिनभर निर्जला व्रत रखकर महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा-अर्चना की।

शाम होते ही सोलह श्रृंगार से सजी सुहागिनें छतों और बालकनियों पर चांद के दीदार का बेसब्री से इंतजार करती रहीं। जैसे ही आसमान में चांद की पहली झलक दिखाई दी, महिलाओं ने छलनी से चांद और अपने पति का दर्शन किया। इसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा और घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया।

व्रत संपन्न होते ही सोशल मीडिया पर करवाचौथ की रौनक देखने को मिली। वहीं, जिनके पति घर से दूर थे, उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए चांद और पति दोनों का दीदार किया और व्रत पूर्ण किया।करवाचौथ का यह पावन पर्व न केवल पारंपरिक आस्था और प्रेम का प्रतीक बना, बल्कि डिजिटल युग में रिश्तों के जुड़ाव और विश्वास की नई मिसाल भी पेश कर गया।






हिंदू धर्म में इस त्योहार का बड़ा महत्व है। करवाचौथ का व्रत महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। शहरभर में सुहागिनों ने शुक्रवार की सुबह उठने के बाद निर्जला व्रत रखा। इस व्रत की शुरुआत, पूजा विधि और चांद के उदय का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। दिन में सुहागिनों ने ​सोलह श्रंगार करके अपनी घर या पड़ोस की बुजुर्ग सुहागिन से माता करवा की कथा सुनीं। फिर उनके चरण छूकर उनका ​आशीर्वाद लिया। करवाचौथ के दिन भी सुहागिनों ने ​शहर के प्रमुख बाजारों सदर बाजार, आबूलेन, ​शास्त्रीनगर, ​सेंट्रल मार्केट, शारदा रोड, वैली बाजार, पीएल शर्मा रोड आदि में जमकर खरीदारी की, जिससे यहां जाम की स्थिति बनी रही। 

शाम के समय घर में पकवान बनाए और ​चंद्रमा निकलने का इंतजार किया। रात करीब 8.21 बजे जब चंद्रमा का उदय हुआ तो पूजा-अर्चना के बाद पति का छलनी में चेहरा देखने के बाद अपना व्रत पूरा किया। इस दौरान जमकर आतिशबाजी हुई और पति-पत्नी ने मिलकर हर्षोल्लास के साथ करवाचौथ पर्व मनाया।

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