सुभारती विवि में दीपोत्सव पर शिक्षा, संस्कृति और मानवीय सरोकारों का संगम
मेरठः स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में शिक्षा, संस्कृति और सेवा की भावना से ओतप्रोत अनेक आयोजन संपन्न हुए। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित चौथा सुभारती बुद्ध मेला व दीवाली मेला समापन समारोह, एलुमनाई ट्रस्ट का सामाजिक सेवा अभियान, शिक्षा विभाग की फ्रेशर्स पार्टी और विवेकानंद दर्शन पर आधारित पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम ने संयुक्त रूप से मानवीय संवेदनशीलता, बौद्धिक जागरूकता और युवाओं की प्रतिभा को मंच प्रदान किया।
रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ बुद्ध मेला
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में सात दिनों तक चले चौथे सुभारती बुद्ध मेला एवं दीवाली मेले का भव्य समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ।समारोह की मुख्य अतिथि मेरठ मंडल की डीआईजी कल्पना सक्सेना (आईपीएस) रहीं।
पारंपरिक रुप से दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरु हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि को स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज के द्वारा शॉल व अंगवस्त्र एवं पौधा देकर स्वागत किया गया। वहीं सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण के द्वारा मुख्य अतिथि को पेंटिंग देकर स्म्मानित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि कल्पना सक्सेना, डीआईजी मेरठ मंडल ने विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत बौद्ध संस्कृति के रंगारंग कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि बुद्ध के संदेश समाज में प्रेम, करुणा और समानता की भावना का प्रसार करते हैं।मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने संबोधन में कहा कि विश्वशांति का मार्ग करुणा और मानवता से होकर जाता है।
इस अवसर पर एमटीबी न्यास के महानिदेशक मेजर जनरल (डॉ.) जी.के. थपलियाल, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.) पी.के. शर्मा, तथा मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने सभी को सफल आयोजन की बधाई दी और आगामी त्योहारों की शुभकामनाएँ दीं।विभिन्न सांस्कृतिक और खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया, जिनमें 100 से अधिक विद्यार्थियों को सम्मान प्राप्त हुआ।
एलुमनाई ट्रस्ट का मानवता संदेश: आश्रम में बाँटी मिठास
दीपावली के अवसर पर सुभारती विश्वविद्यालय एलुमनाई ट्रस्ट के सदस्यों ने मेरठ स्थित दयाल अपना घर आश्रम पहुंचकर वृद्धजनों और जरूरतमंदों से भेंट की।ट्रस्ट की सदस्य डॉ. नुपूर कौशिक ने कहा कि दीपावली दीप जलाने का पर्व ही नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी प्रकाश फैलाने की प्रेरणा देता है।
इस दौरान डॉ. रुबी, डॉ. अमित कुमार पुनिया, इंजीनियर गुरु सेवक केसरवानी, डॉ. राखी कुमारी झा, डॉ. मंजू अधिकारी, डॉ. आदिल और अरशद उपस्थित रहे।आश्रम प्रशासन ने विश्वविद्यालय के इस मानवीय प्रयास की प्रशंसा करते हुए इसे समाज सेवा की उत्कृष्ट मिसाल बताया।
शिक्षा विभाग की फ्रेशर्स पार्टी में झलकी युवा ऊर्जा
शिक्षा विभाग द्वारा एम.एड., बी.एड., और बी.एल.एड. पाठ्यक्रमों के नवागंतुक छात्रों के स्वागत में ‘फ्रेशर्स पार्टी-2025’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। शिक्षा संकायाध्यक्ष लेफ्टिनेंट प्रो.(डॉ.) संदीप कुमार ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही वास्तविक प्रकाश का प्रतीक है।विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) इंदिरा सिंह ने कहा कि योग्य शिक्षक बनकर विद्यार्थी समाज में रोजगार और मूल्यों की सृजनशक्ति बनें।कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और फैशन वॉक रहीं।एम.एड. प्रथम सेमेस्टर से रिया बालियान को ‘मिस फ्रेशर्स’ और वीरेंद्र को ‘मिस्टर फ्रेशर्स’, बी.एल.एड. से कनिष्का और आर्यन चौधरी को इसी उपाधि से सम्मानित किया गया। बी.एड. से जूही दीक्षित ‘मिस फ्रेशर्स’ चुनी गईं। निर्णायक मंडल में डॉ. मुमताज शेख और डॉ. भुवनेश शर्मा रहे। कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रेशु रानी रहीं, जिनके निर्देशन में पूरा आयोजन पूर्ण सफलता के साथ संपन्न हुआ।समारोह के अंत में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने एक साथ नृत्य कर वार्षिक परंपरा को जीवंत बना दिया।
विवेकानंद दर्शन पर पुस्तक का लोकार्पण: युवाओं के लिए प्रेरक संदेश
स्वामी विवेकानंद के जीवन-दर्शन पर आधारित पुस्तक “स्वामी विवेकानंद के दर्शन और मूलभूत मूल्य” का लोकार्पण समारोह विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ।पुस्तक की संपादक प्रो.(डॉ.) मोनिका मेहरोत्रा, स्वामी विवेकानंद चेयर की संयोजक, ने कहा कि विवेकानंद के विचार आज भी शिक्षा और सामाजिक उन्नयन में ऊर्जा का स्रोत हैं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी मुक्तिमयानंद महाराज और स्वामी सर्वलोकानंद महाराज (रामकृष्ण मिशन) रहे। भाकर राय और राजीव राय ने भी अपनी उपस्थिति से गरिमा बढ़ाई। पुस्तक में डॉ. मोनिका मेहरोत्रा, डॉ. दुर्वेश कुमार, डॉ. नियति गर्ग, डॉ. रूबी, अश्वनी कुमार, मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी, आदेश कुमार, सुश्री जूली, डॉ. लवली, और सुश्री अर्चना सिंह आदि के शोधपत्र शामिल हैं।

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