सरकारी डॉक्टर पर नर्स ने कराया धोखाधड़ी का मुकदमा

नौकरी लगवाने का झांसा देकर की 7 लाख रुपए हड़पे, पुलिस जांच में जुटी

मेरठ।  एक सरकारी चिकित्सक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा अस्थाई स्टाफ नर्स की तरफ से दर्ज कराया गया है। नर्स का आरोप है कि चिकित्सक ने अस्थाई नियुक्ति को स्थाई कराने के बहाने उसे जाल में फंसाया और सात लाख रुपए की धोखाधड़ी कर दी। पुलिस जांच कर रही है।

सिविल लाइन के साकेत मिशन कंपाउंड में ज्योति सिंह रहती हैं। वर्ष 2021 में उनकी मुलाकात डॉक्टर महेंद्र सिंह से हुई थी जो वर्तमान में बिजनौर में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में तैनात हैं। महिला ने बताया कि वह अस्थाई स्टाफ नर्स के पद पर काम कर रही थी। डॉक्टर ने उसे स्थाई कराने का लालच दिया और अपने जाल में फंसा लिया। 12 लाख रुपए मांगे गए लेकिन बाद में सात लाख रुपए में बात तय हो गई।

चिकित्सक के लिए लोन लेकर जुटाई रकम

ज्योति ने बताया कि उस वक्त स्टाफ नर्स की नौकरी निकली हुई थी। इसलिए वह सरकारी डॉक्टर की बातों में आ गई। उसने सात लाख रुपये की व्यवस्था करने के लिए बैंक से 5.5 लाख रुपए का लोन पास कराया। 26 अक्टूबर, 2021 को आरटीजीएस के जरिए 5 लाख रुपए उस खाते में डलवा दिए जो डॉक्टर के द्वारा दिया गया था।

दो किश्त और भी जमा कराई गई

वह पांच लाख रुपए दे चुकी थी। शेष रकम काम होने के बाद देना तय हुआ लेकिन चिकित्सक ने 7 अक्टूबर, 2021 को बहाना बनाकर एक-एक लाख रुपये की दो किश्त और बैंक में जमा करा ली। करीब छह महीने बीतने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो उसने अपने रुपए वापस मांगने शुरू कर दिए लेकिन तब से चिकित्सक समय ही देता आ रहा है।

मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही पुलिस

एसएचओ सौरभ शुक्ला ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी चिकित्सक बिजनौर में तैनात है। पुलिस ने जांच शुरु कर दी है। जल्द ही महिला के बयान दर्ज होंगे। उसके बाद चिकित्सक को भी पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा।

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