ध्वस्तीकरण के खौफ के चलते दुकानदार परिवार समेत अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे 

तीसरे दिन भी बंद रहे शास्त्री नगर सैक्टर दो व तीन के बाजार 

मेरठ। शास्त्री नगर के सैट्रल मार्केट में 661/6 के ध्वस्तीकरण के बाद अन्य 31 अन्य भूखंडों के दुकानदार सोमवार को परिवार समेत अनिश्चतकालीन धरन पर बैठ गये है। उनका कहना जब तक हमे लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता है। तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे । संयुक्त व्यापार संघ के दोनो गुटों ने भी धरने पर बैठे व्यापारियों को समर्थन दे दिया। वही सरधना विधान सभा के विधायक अतुल प्रधान पर धरने पर बैठे व्यापारियों को दर्द बांटने पहुंचे।

 सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स की 22 दुकानें ढहाई जा चुकी हैं। इसके बाद 31 और आवासीय प्लाट पर बनीं 90 दुकानें खाली कराई जानी हैं। इन्हें भी आवास और विकास परिषद ने नोटिस दिए हैं। ये 90 दुकानें भी ढहाई जाएंगी।

 अपनी दुकानों को टूटने के खौफ के चलते सोमवार से 31 व्यापारिक प्रतिष्ठनों के 90 दुकानदार अपने दुकानों को बचाने के लिए अपने परिवार संग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये।। प्रदर्शनकारियों के समर्थन में संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता भी पहुंचे।  अजय गुप्ता ने  कहा कि अगर व्यापारियों को न्याय नहीं मिला, तो पूरे मेरठ के बाजार को अनिश्चितकालीन बंद कराने को मजबूर होंगे।



डासना मंदिर की महंत यति मां चेतनानंद सरस्वती भी धरने पर बैठ गयी। उन्होंने कहा- मैं व्यापारियों के साथ हूं। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यहां से नहीं उठूंगी। मेरा जीवन मेरठ और सेंट्रल मार्केट के बीच ही गुजरा है। इसलिए यह कार्रवाई मेरे लिए बेहद दुखद है।उन्होंने अफसोस जताया कि अब तक कोई जनप्रतिनिधि या नेता व्यापारियों से मिलने नहीं आया। आवास विकास परिषद के अफसरों की गलतियों और रिश्वतखोरी का खामियाजा कारोबारी भुगत रहे हैं।



व्यापारी नेता जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है हमने उसका कोई विरोध नहीं किया । लेकिन जिस प्रकार पूरे देश में आदेश है तो इसकी शुरूआत सेंट्रल मार्केट से ही क्यों कि गई है। हम भाजपा के कोर वोटर होने के बाद भी हमारे ऊपर ही तलवार लटक गई है। हमने अब अनिश्चित बंदी की घोषणा कर दी है क्योंकि आज न कल हमारे प्रतिष्ठान टूटने ही हैं तो हम उस से पहले ही इन्हे बंद कर देंगे।


आवास विकास ने कि जातिगत कार्रवाई

व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि नाम का एक आवास विकास का अधिकारी अफताब अंसारी है उसने जातिगत भेदभाव किया है । वह लगातार यही बात बोलता है कि भाजपा सरकार में तुम्हारे अच्छे दिन आ गए हैं। वह जब भी मिलता तो तभी कहता है कि तुम्हारी सरकार में ही तुम्हारी दुकानों को तोड़कर मिट्‌टी में मिला दिया जाएगा।

सेंट्रल मार्केट में व्यापार संघ के महामंत्री निमित जैन ने बताया कि यह कॉम्पलेक्स एक दिन में तैयार नहीं हुआ है । अगर यह वैध नहीं था तो यहां रजिस्ट्री, निर्माण कार्य क्यों कराने दिए गए। अधिकारियों ने पैसा लेकर यहां सभी कार्य कराए हैं और अब उन्हीं की साठगांठ पर यह तोड़ा गया है।

जनप्रतिनिधि हमारे बीच आंए तो सही

व्यापारियों ने कहा कि हम मानते हैं यह आदेश न्यायालय का है इसमे न कोई कुछ कर सकता है और हम भी इस फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हमारे जो जनप्रतिनिधि हैं उनको आज हमारी इस दुख की घड़ी में हमारे बीच पहुंचकर हमे सांत्वना देनी चाहिए थी कि न कि इस प्रकार मौन होकर हमारी बर्बादी देखनी । 



 बुजडोजर के शांत होने के बाद जनप्रतिधि निकले बाहर 

अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के एक बाद बाद जनप्रतिनििधि बाहर निकले इसकी शुरूआत सरधना विधायक अतुल प्रधान ने की वह धरने पर बैठे व्यापरियों का दर्द बांटने के लिए पहुंचे। उन्होंने वह पूरी तरह से इस दुख में  व्यापारियों के साथ है। उन्होंने बहनों बुजुर्गो  व व्यापारियों को बिखलते देखा है। मेरा बचपन इसी क्षेत्र मे बिता है। उन्होंने कहा बाहर होने के कारण वह नहीं आ सके। उन्होंने कहा इस मामले को विधान सभा व लोकसभा में पूरजोर से उठाया जाएगा। उन्हाेंने कहा उनकी मांग है प्रदेश सरकार इस मामले में बिल लेकर आए। व्यापारियों को डूबने से बचाए। उन्होंने 2016 में भी वह व्यापारियों के साथ खडे थे । इस मौके पर सपा का जिला अध्यक्ष अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। वही संयुक्त व्यापार संघ के नवीन गुप्ता भी धरने पर बैठे व्यापारियों संग समर्थन में खडे हो गये है। 

किसान आंदोलन की तर्ज पर कारोबारी कर रहे विरोध

व्यापारियों का विरोध किसान आंदोलन की तर्ज पर पहुंच गया है। व्यापारियों के साथ उनके पत्नी-बच्चों समेत परिवार के अन्य सदस्य भी धरने पर बैठे हैं। बाजार में खाना बनाने के लिए भटि्ठयां लगवा दी गई हैं। यहीं पर सभी के लिए खाना बनेगा। धरने पर बैठे कारोबारी और उनके परिवार के सदस्य यहीं पर खाना खाएंगे। पूरे बाजार को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक प्रशासन कार्रवाई रोकने का भरोसा नहीं देता, तब तक वे अपने परिवारवालों के साथ यहीं धरना जारी रखेंगे।

व्यापारियों की 3 प्रमुख मांगें

दुकानों को खाली कराने और तोड़ने की कार्रवाई रोकी जाए।

आवास विकास परिषद के 45 अफसरों पर अवमानना के मुकदमे हुए हैं, उन्हें जेल भेजें।

हापुड़ अड्डा, भगत सिंह मार्केट, आजाद मार्केट सहित अन्य बाजारों पर भी बुलडोजर चले।

 सुप्रीम कोर्ट में शास्त्री नगर प्रकरण लिस्टिंग नहीं हो पाया दो दिन में हो सकती है सुनवाई 

सेंट्रल मार्किट मामले में मुकदमा आज सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट में नहीं था इसलिए सुनवाई अगले सप्ताह होने की संभावना है। आवास एवं विकास परिषद की ओर से कंप्लाईन्स रिपोर्ट की कॉपी भी नहीं दी गई।

-लोकेश खुराना, अवमानना याचिकाकर्ता/आरटीआई एक्टिविस्ट।

 नोटिस के बाद प्रतिष्ठानों के संचालकों ने सामान निकालना आरंभ किया 

  आवास आवास विकास द्वारा 31 प्रतिष्ठनों को नोटिस देने के बाद दुकानदारों में हडंकप मचा हुआ है।सोमवार को सुमित नर्सि होम ने अपने मुख्य गेट पर अस्पताल के बैनर को उतरवा दिया। वहीं जैना ज्वैलर्स के बराबर में भूषण पैलेस 256/6 आकर्षक  साड़ी ने अपने प्रतिष्ठान  आवसीय बोर्ड लगा दिया। 

जैना ज्वैलर्स पर नोटिस लगाते हुए क्रोधित हुए हुए व्यापारी 

  सोमवार को आवास के कर्मचारी जैना ज्वलैर्स पर नोटिस लगाने पहुंचे। जैसे ही कर्मचारिियों ने नोटिस चिपका वहां से जाने लगे व्यापारियों ने हंगामा आरंभ कर दिया। उनका कहना था आवास विकास व्यापारियों को सड़कों पर लाने का  प्रयास कर रहा है। इसदौरान व्प्यापारियों ने नोटिस को फांड दिया। वही सोमवार सुबह जैना ज्वैर्ल्स पर दो वाहन खडे दिखाई दिए शोरूप से सामान निकाला जा रहा  था। कुछ स्थानीय लोगों का कहना था कार्रवाई के चलते सोने के आभूषणों को वहां से हटा दिया गया है। केवल आर्टिफिशियल ज्वैलजरी ही वहां छोडी गयी है

 

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