असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा: अभ्यर्थियों ने सौंपा ज्ञापन
हिन्दी की परीक्षा निरस्त करने की मांग उठाई
कहा- परीक्षा नियंत्रक को तत्काल हटाया जाए
प्रयागराज।अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर (विज्ञापन संख्या 51) के 910 पदों पर 16 और 17 अप्रैल को आयोजित परीक्षा को निरस्त कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव विकास सिंह और केके गिरि को ज्ञापन सौंपा। प्रतियोगी छात्रों की मांग है कि परीक्षा नियंत्रक को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए परीक्षा रद्द दोबारा नए सिरे से कराई जाए।
अभ्यर्थियों ने कहा, 16 और 17 अप्रैल की परीक्षा में रोल नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर के अनुसार आवंटन यानी रैंडमाइजेशन नहीं किया गया। आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। ये लोग कह रहे हैं कि सिर्फ तीन जिलों में ज्यादा चयन हुआ है, जिसमें मेरठ, मथुरा और गोरखपुर के छात्र शामिल हैं। परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ भी अभ्यर्थी नारेबाजी किए।
इनका आरोप है कि एक कक्ष में, एक साथ और एक ही कमरे में और एक ही विषय के छात्रों को बैठाया गया। आरोप लगाया है कि यह परीक्षा ब्लैक लिस्टेड कंपनी से कराई गई है जो परीक्षा पर प्रश्न चिह्न उठा रहे हैं। भूगोल विषय विशेषज्ञ शिव शंकर वर्मा पर अपने छात्रों व अपने करीबियों काे अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ भी छात्रों ने आवाज उठाई है।
इसके अलावा कई बिन्दुओं पर आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए पुनः परीक्षा कराने की मांग की है।


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