लखनऊ में आयोजित होने वाली बसपा की रैली में लाखों की संख्या में जुटे बसपाई
मायावती कल लखनऊ में करेंगी रैली, जुटेंगे लाखों बसपा कार्यकर्ता
आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति भी तैयार करेंगी रैली
मेरठ समेत वेस्ट यूपी से बसपाई लखनऊ के हुए रवाना
लखनऊ।गुरूवार को लखनऊ में काशी राम की पुण्य तिथी पर आयोजित रैली के बहाने मायावती अपने हताश कार्यकर्त्ताओं में जोश भरने और उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनावों के लिए जोरदार तैयारी का संदेश इस रैली के जरिए देना चाहती हैं
चुनाव दर चुनाव मिलती हार, छिनते जनाधार और घटते समर्थन के बीच चार सालों के लंबे अंतराल के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती गुरुवार को राजधानी में अपनी ताकत दिखाने जा रही हैं। बसपा संस्थापक कांशीरम की पुण्यतिथि पर मायावती ने लखनऊ में अपने समर्थकों की रैली बुलायी है। रैली में प्रदेश के सभी 403 विधानसभा से पांच लाख से ज्यादा कार्यकर्त्ताओं को जुटाने का दावा किया जा रहा है। रैली के बाद मायावती प्रदेश के सभी जिलों से आए प्रमुख नेताओं के साथ अलग से बैठक कर आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति भी तैयार करेंगी। गुरूवार को होने वाली रैली के प्रदेश समेत अन्य प्रदेश के बसपाई का लखनऊ में जुटना आरंभ हो गया है।
माना जा रहा है कि रैली के बहाने मायावती अपने हताश कार्यकर्त्ताओं में जोश भरने और उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनावों के लिए जोरदार तैयारी का संदेश इस रैली के जरिए देना चाहती हैं। इससे पहले 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले मायावती ने लखनऊ में इसी स्थान पर 2021 में रैली की थी। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनावों में बसपा को महज एक सीट मिली और फिर 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी शून्य पर सिमट गयी।
रैली की तैयारियों में जुटे बसपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्रदेश भर से बड़ी तादाद में दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक कार्यकर्त्ताओं की जुटान इस आयोजन में होगी। उनका कहना है कि हर विधानसभा क्षेत्र के प्रभारियों को कम से कम पांच वाहनों में कार्यकर्त्ताओं को लाने का लक्ष्य दिया गया है। रैली पार्टी के हताश कार्यकर्त्ताओं व नेताओं में ऊर्जा भरने के साथ ही जनता में यह संदेश भी देगी कि बसपा पूरे दमखम के साथ विधानसभा चुनावों में उतरने जा रही है।
रैली का नारा राशन नही शासन चाहिए
बसपा नेताओं की कहना है कि रैली के लिए नारा दिया गया है …राशन नही शासन चाहिए। इस नारे के जरिए दलितों, पिछड़ों, वंचितो व अल्पसंख्यकों को शासन में भागीदारी के सवाल पर एकजुट करने की योजना है। इस बार की रैली में मायावती के साथ मंच पर पार्टी महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा के साथ उनके भाई आनंद कुमार, भतीजे आकाश आनंद व कुछ अन्य नेता भी रहेंगे। इस रैली के जरिए मायावती पार्टी में भतीजे आकाश आनंद के महत्व को स्थापित करने का काम भी करेंगे।
पुराने चेहरे ज्वांइन कर सकते बसपा
बता दें कि रैली से पहले अपने संगठन को एक बार फिर से चौक चौबंद करने के लिए मायावती ने कई पुराने नेताओं को जो पार्टी छोड़ चुके थे या निकाले जा चुके थे उनकी वापसी करवानी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि गुरुवार की रैली में भी पार्टी छोड़ चुके कुछ बड़े नेता व अन्य दलों के कुछ चेहरे बसपा ज्वाइन कर सकते हैं। रैली के जरिए मायावती प्रदेश की जनता को यह संदेश भी देना चाहती हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में लड़ाई एनडीए व इंडिया गठबंधन में सीधे नहीं बल्कि त्रिकोणीय होगी जिसमें बसपा की अहम भूमिका रहेगी।
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