बिजली में सुधार के प्रयास :-
634 फीडर का प्रथक्कीकरण के साथ 14 जिलों में लगाए गये 167487 नये बिजली के खंबे
560.75 कि.मी. ए.बी केबिल के अतिरिक्त विभिन्न क्षमता के 1882 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाये गए
ए.टी एण्ड सी. हानियों में गत वर्ष के सापेक्ष 11.91 प्रतिशत की कमी आई है
मेरठ। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. के उपभोक्ताओं को अनवरत् विद्युत आपूर्ति एवं लाईन हानियों कम करने संबंधी इन्फास्ट्रैक्चर सुदृढ करने हेतु, रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है। इस योजना के अन्तर्गत उपभोक्ताओं को 24X7 गुणवत्तापरक निर्वाध विद्युत आपूर्ति करने एवं वितरण कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।
आर.डी.एस.एस. योजना के तहत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 14 जनपदों में, जहाँ युद्धस्तर पर कार्य किए गए, वहीं प्रबन्ध निदेशक द्वारा कार्यदायी संस्थाओं और अधिकारियों के साथ प्रतिदिन समीक्षा से योजना को पंख लगे, परिणाम स्वरूप रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 14 जनपदों में, नए फीडरों का निर्माण, फीडरों का विभक्तिकरण, फीडरों का बाइफरकेशन, एल.टी. लाईनों के जर्जर तार बदलने का कार्य, एच.टी. लाईनों के जर्जर तार बदलने का कार्य, योजना के अन्तर्गत पूर्ण कर लिये गए हैं। अधिक लाईन हानियों के क्षेत्र में एरियल बंच केबल डाला गया है जिससे की लाईन हानियों को कम किया जा सके।
रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) के अन्तर्गत बिजली व्यवस्था को सुदृढ करने के लिये निम्नलिखित कार्य एवं अन्य सुधार किये गये, पश्चिमांचल के 14 जनपदों में 634 नग फीडर का प्रथक्कीकरण का कार्य किया गया जिसके अन्तर्गत 167487 नग नये पोल लगाये गये। 17422.04 कि०मी० कन्डक्टर लगाया गया तथा 560.75 कि.मी. ए.बी. केपिल लगाया गया, इसके अतिरिक्त 25, 63 एवं 100 केवीए विभिन्न क्षमता के 1882 नग डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाये गये। आर.डी.एस.एस. योजना के अन्तर्गत, पश्चिमांचल के 14 जनपदों में विद्युत विद्युत व्यवस्था को सुदृढ करने के लिये 303 नग फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया गया जिसमें 25111 नये पोल लगाये गये, 2482.30 कि.मी. कन्डक्टर लगाया गया। योजना के अन्तर्गत 756 नग जर्जर एच.टी लाईनों का तार बदलने का कार्य किया गया, जिसमें 69358 नये पोल लगाये गये एवं 15391.22 कि.मी कन्डक्टर लगाये गये। इसके अतिरिक्त 1796 नग जर्जर एल.टी. लाईनों के तार बदलने का कार्य किया गया जिसमें 198203 नये पोल लगाये गये एवं 26080.287 कि.मी. ए.बी.सी. केबल लगाई गई जिससे उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक, निर्वाध विद्युत आपूर्ति करायी जा सके।
प्रबन्ध निदेशक ईशा दुहन ने बताया कि केन्द्र सरकार की महत्वकांशी योजना, रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम विद्युत प्रणाली सुदृढीकरण के लिए, मील का पत्थर साबित होने के साथ-साथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होगी। फीडर प्रथक्कीकरण के कार्य पूर्ण होने से, कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय अनवरत् विद्युत आपूर्ति की जा रही है तथा इन कार्यों के होने के उपरान्त बचत की गई ऊर्जा की आपूर्ति को, रात्रि के समय ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है ताकि समस्त उपभोक्ता आराम से रात्रि मे सो सकें। प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि फीडरों का विभक्तिकरण होने से, ओवरलोडिग के कारण बार-बार तार टूटने की समस्या से निजात मिली है तथा उपभोक्ताओं की लो वोल्टेज की समस्या का भी समाधान हो गया है, जर्जर तारों के बदले जाने से बार-बार तार टूटने की समस्या का निराकरण हुआ है तथा उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक अनवरत् विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उपरोक्त कार्य होने से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. के अन्तर्गत समस्त 14 जनपदों की ए.टी एण्ड सी० हानियों में गत वर्ष के सापेक्ष 11.91 प्रतिशत की कमी आई है।
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