पीएम, विपक्षी नेता सभी की भाषा का स्तर गिराः मौलाना मदनी

नई दिल्ली (एजेंसी)।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हाल के वर्षों में राजनीतिक भाषा और संवाद का स्तर गिर गया है। मदनी ने प्रधानमंत्री, विपक्षी नेताओं और राज्य के नेताओं सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा गलत और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने की आलोचना की।
एक इंटरव्यू में मौलाना मदनी ने कहा कि अब मानक गिर गए है, यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी भी समुदायों के लिए अनुचित भाषा बोलते हैं, और विपक्ष ने भी स्तर गिरा दिया है। साथ ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणियों पर भी कड़ी आपत्ति जताई और उन्हें अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा 'असम के मुख्यमंत्री की भाषा बेहद आपत्तिजनक है। वह राज्य के संरक्षक हैं, लेकिन जिस तरह की भाषा का वह इस्तेमाल कर रहे हैं वह गलत है। हम एक-दूसरे से असहमत हो सकते हैं, लेकिन मेरा उनसे आग्रह है कि बोलते समय सही शब्दों का इस्तेमाल करें।'
मदनी ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में राजनीतिक और सामाजिक विचारों में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन इससे नफरत और दुश्मनी नहीं पैदा होनी चाहिए। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साजिश हो सकती थी, लेकिन आतंकियों की साजिश को नाकाम करने का श्रेय मदनी ने भारत के नागरिक समाज को दिया।
मदनी ने कहा, 'जिस तरह से पहलगाम हमले में आतंकियों ने जिस तरह से लोगों के नाम पूछकर उनकी हत्या की, अगर कोई और देश होता, तो बहुत अराजकता फैल जाती। यही भारत की खूबसूरती है। मैं अपने देशवासियों का जितना भी शुक्रिया अदा करूं कम है, जिनमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं।

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