23 महीने बाद आजम खान की रिहाई

सीतापुर जेल से आएंगे बाहर, यूपी की सियासत में हलचल

सीतापुर ,एजेंसी। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान करीब 23 महीने बाद मंगलवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा होंगे। उन्हें फरवरी 2020 में गिरफ्तारी के बाद रामपुर जेल भेजा गया था, बाद में सुरक्षा कारणों से सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया। मई 2022 में वे जमानत पर बाहर आए, लेकिन अक्टूबर 2023 में एक मामले में सजा होने पर उन्होंने फिर सरेंडर कर दिया।

आजम खान को सोमवार को ही रिहा किया जाना था, लेकिन पांच बेल ऑर्डर देर से जेल प्रशासन तक पहुंचे। प्रशासन ने केस नंबर, धाराएं, नाम-पते और अन्य विवरण से मिलान किया। इसी प्रक्रिया में देरी के कारण आजम की रिहाई सोमवार को संभव नहीं हो पाई। अब मंगलवार सुबह सात बजे उनकी रिहाई तय है।

वकीलों का कहना: रिहाई मुमकिन

आजम खान के वकील इमरानुल्लाह ने बताया कि हाल ही में शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं (IPC 467, 471, 201) जोड़ी गई हैं, लेकिन उनकी कस्टडी अब तक नहीं ली गई। इस स्थिति में रिहाई संभव है। वकील ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि सबूतों की कमी के कारण आजम खान को लगभग सभी मामलों में जमानत मिली है।

कुल 104 मुकदमे दर्ज, कई मामलों में फैसला

आजम खान के खिलाफ कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 93 केवल रामपुर में हैं। इनमें से 12 मुकदमों में फैसला आ चुका है। कुछ मामलों में वे दोषी ठहराए गए जबकि कुछ में बरी हुए। उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भी कई केस दर्ज हैं। पूरे परिवार पर अब तक 165 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

भड़काऊ भाषण और विधायकी खोने का मामला

2022 में भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट ने आजम खान को दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उनकी विधायकी चली गई। इसके अलावा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अधिकारियों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में उन्हें तीन साल कैद और जुर्माना भी हुआ।

सपा के मजबूत स्तंभ के रूप में योगदान

आजम खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। वे चार बार कैबिनेट मंत्री बने और नगर विकास, जल आपूर्ति, शहरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन जैसे कई अहम विभाग संभाले। मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले आजम खान ने सपा का हमेशा साथ दिया। उनकी रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण बदलते दिख रहे हैं।

चुनाव लड़ने पर बरकरार संकट

वरिष्ठ वकील जुबैर खान के अनुसार, आजम खान जेल से बाहर आने के बाद भी 2027 का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, क्योंकि उन पर सजा हो चुकी है। इसी तरह उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं हैं।

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