समय सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया सिंथेटिक टैक का कार्य 

 कार्य संस्था का प्रतिदिन देना पड़ रहा एक हजार प्रति का जुर्मामा 

स्टेडिमय में आने वाले खिलाड़ियों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना 

 मेरठ। वेस्ट यूपी के मेरठ में स्थित कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस सिंथेटिक ट्रेक बनाने के लिए शुरुआत हुई थी, तय समय सीमा भी निकल गई, लेकिन अभी भी काम है कि पूरा नहीं हुआ है। खेल की नर्सरी का यह एकमात्र ऐसा स्टेडियम है जहां हर दिन सैकड़ों बच्चे खेलों में अपनी पहचान बनाने को पसीना बहाते देखे जा सकते थे। आईए जानते हैं  निर्धारित समय सीमा में क्या है यहां का स्टेटस...

 कैलाश प्रकाश स्टेडियम के नाम पर कई बड़ी उपलब्धियां हैं क्योंकि यहां से देश की नंबर वन एथलेटिक्स पारूल चौधरी ने भी प्रशिक्षण पाया था।  अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी के अलावा  अर्जुन अवार्डी प्रीति पाल  एंव एथलीट प्रियंका गोस्वामी सहित और भी भी तमाम ऐसे खिलाड़ी हैं जो कैलाश प्रकाश स्टेडियम में भी पसीना बहा चुके हैं और अपनी पहचान बना चुके हैं।

आने वाले समय में यहां इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं की आसानी से तैयारी की जा सकेगी। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र यादव  बताते हैं कि जून 2024 में सिंथेटिक ट्रैक के बनाने का कार्य शुरू हुआ था और इसे 3 जुलाई 2025 को समाप्त हो जाना था।तय  समय सीमा में कार्य  को पूरा नहीं कर पाती है तो उसके लिए अनुबंध है कि ऐसी स्थिति में हर दिन 1000 रूपये की पेनल्टी भी कार्यदायी संस्था पर लगेगी। इस बारे में कार्यदायी  संस्था के अधिकारियों से बार-बार बात हो रही है और उन्हें अवगत करा दिया गया है कि विलम्ब होने की स्थिति में हर दिन एक हजार रुपया जुर्माना लगाया जाएगा।

अर्जुन अवार्ड से सम्मानित पारूल चौधरी के कोच गौरव त्यागी बताते हैं कि निश्चित तौर पर जब बच्चों को यहां सिंथेटिक ट्रैक पर प्रेक्टिस करने के लिए मिलेगी तो यहां से प्रतिभाएं निकलेंगे और निश्चित ही उन्हें अपने प्रशिक्षण के लिए दूसरे शहरों का रुख भी नहीं करना पड़ेगा।  गौरव त्यागी ने बताया कि हालांकि ऐसे में काफी समस्याएं भी युवाओं के सामने आ रही हैं, क्योंकि उन्हें कैलाश प्रकाश स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक के कार्य निर्माण की वजह से प्रशिक्षण के लिए  विकल्प खोजने पड़ रहे हैं।

सामने आकर नहीं बोल पा रहे खिलाड़ी, खोज रहे विकल्प..

  कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अभ्यास करने वाले युवाओं को भी खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विवेक ने बताया कि एक वर्ष से ज्यादा समय हो गया, पहले यहीं हर दिन प्रेक्टिस होती थी, अब लेकिन दिक्क़त हो रही है। नियमित रूप से प्रशिक्षण नहीं हो पा रहा,  क्योंकि कैलाश प्रकाश में कोच बाहर सिखाने नहीं जा सकते और यहां हो रहे निर्माण कार्य की वजह से जन जैसे सैकड़ों खिलाडियों को समस्याओं का सामना  करना पड़ रहा है।युवा खिलाड़ी बताते हैं कि यहां न्यूनतम शुल्क में प्रशिक्षण पा रहे थे, समय से काम पूरा नहीं होने पर निराश हैं, क्योंकि हर कोई दूसरे शहर तक तैयारी करने नहीं जा सकता।

खिलाड़ियों के सामने आ ख़डी हुई बड़ी समस्या..

 कुछ युवा एथलीट कहते हैं कि काम की गति धीमी है। ऐसे में यहां जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि ज़ब तक काम पूरा नहीं हो जाता तब तक अब यहां कोई प्रेक्टिस नहीं कर सकता।

युवा एथलीट सागर कहते हैं कि   मेरठ ही नहीं,  बल्कि पश्चिमी  यूपी के अलग अलग जिलों से ताल्लुक रखने वाले  युवा खिलाड़ी भी अपने सपनों की उड़ान भर सकते हैं। अभी तक खिलाडियों को यहां से प्रेक्टिस करने के बाद  दिल्ली या अन्य स्थानों पर जाकर अपने हुनर को निखारने के लिए  तैयारी करना मजबूरी हो गई है।

सिर्फ 41 फीसदी काम हुआ तय समय में जमीन पर..

30 जनवरी 2024 को सिंथेटिक ट्रेक के लिए शासन से स्वीकृति मिल गई थी उसके बाद अगले ही माह यानी 29 फ़रवरी 2024 को कुल 868.03 लाख यानी 8 करोड़ 68 लाख रुपये की कुल धनराशि भी शासन से कार्यदायी संस्था को दे दी गई थी। उसके बावजूद यहां 4 नवंबर 2024 को 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक बिछाने के लिए कार्य की शुरुआत हुई थी। इस कार्य को 3 जुलाई 2025 तक हर हार में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक भी यहां 41 प्रतिशत कार्य ही हो सका है।

 कार्यवाही संस्था के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक अब तक यहां रनिंग ट्रेक की खुदाई और ड्रेन का कार्य पूरा हो चुका है। आउटर वॉल रनिंग ट्रेक के  बेस निर्माण के अंतर्गत ड्रेन का कार्य पूरा हुआ है। कार्यदायी  संस्था के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के मुताबिक बारिश की वजह से विलम्ब हो रहा है। अब तक 351 लाख रूपये से अधिक की धनराशि व्यय हो चुकी है।



No comments:

Post a Comment

Popular Posts