बाढ़ के साथ खादर क्षेत्र के गांवों में पानी के साथ घरों में घुसे सांप- बिच्छू
खतरे को भांपते हुए रात जागकर बिताने को मजबूर ग्रामीण
मेरठ। हरिद्वारा से छोडे़ गये पानी से खादर क्षेत्र के ग्रामीणों को चौरफा मार झलने पड़ रही है। खेत खलिहान तो पानी में डूबने से फसल बर्बाद हो गयी । घर में बाढ़ के पानी के साथ अब सांप व बिच्छू ने प्रवेश कर लिया है। जिसके कारण ग्रामीणों को अपने व अपने बच्चाें को सुरक्षित रखने के लिए रात जागकर बितानी पड़ रही है। वैसे तो स्वास्थय विभाग की ओर से सांप के काटने पर इंतजाम किए गये है। लेकिन जिस तरह बाढ़ का पानी मकानों के अंदर घुसा है । वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहते है।
लतिफपुर गांव के किशन वीर की मानें तो उनका कहना है । पानी के कारण उन्हें हर समय मकान गिरने का डर सताता रहता है। खाने की परेशानी के साथ सबसे अधिक परेशानी उन सांप व बिच्छू से हो रही है। जो पानी के साथ मकानों में घुस गये है।
दूधली के ओमप्रकाश ने बताया कि बाढ़ के कारण फसल पूरी तरह चौपट हो गयी है। राशन की समस्या भी आने लगी है। पशुओं के चारे की परेशानी बढ़ गयी है। सबसे अधिक डर तो पानी के जीव से लगा रहा है। जो घरो में प्रवेश कर गये है।
तारापुर के किसान धर्मप्रकाश सिंह ने बताया बाढ के कारण सब बर्बाद हो गया है। बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है। फसल पूरी तरह पानी में डूबी हुई है। पशुओं के चारे के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रही सही कसर बिजली न आने से पूरी हो गयी है। मोमबत्ती से रात गुजारनी पड़ रही।
भीकुंड निवासी जसकौर ने बताया कि आज तक बाढ़ का समाधान कोई भी सरकार नहीं निकाल पायी है। हर सरकार के नेता किसानों को आश्वासन तो जरूर देते है। लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पायी है। इसका मार खादर क्षेत्र में रहने वाले किसानों को झेलने पड़ रही है।
घर के कुछ मेंबर्स को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया
शेमशेर सिंह का कहना है बाढ़ में सब बर्बाद हो गया है।कुछ भी नहीं बचा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि अधिकारी कागजों को पूरा कर रहे है। किसानों को किसी की फ्रिक नहीं है। अगर फ्रिक होती हो इस समस्या का सामाधान किसानों व ग्रामीणों को नहीं करना पड़ता
बिजली न आने से इर्वटर हुए ठप
खादर क्षेत्र में बाढ़ के पानी के आने के कारण बिजली की सप्लाई काट दी गयी है। इसका कारण बताया कि पानी में करंट उतर सकता है। बिजली न आने के कारण इनर्वटर पूरी तरह ठप हो गये है। बाढ़ ग्रस्त गांवों में महिलाएं मोमबत्ती से खाना बनाने के लिए मजूबर हो गयी है।
मकान गिरने का भी खतरा मंडराया
पानी कई दिन से भरा होने के कारण अब घरों की नीव में भी जाने लगा है। इसके कारण बुनियाद कमजोर हो रही है। ऐसे में पानी के कारण मकान गिरने का भी डर बन रहा है। लोग अपने ही घर में रहने में भी घबरा रहे हैं। लोगों ने खुद तो घरों की छत पर सोना शुरू कर दिया। लेकिन गाय, भैस कई दिन एक ही जगह पानी में खड़े रहे।
दरअसल हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में बाढ़ आ गई है। हस्तिनापुर के 12 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इन गांवों के 12 हजार से ज्यादा ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में स्कूलों को बंद किया गया है। बाढ़ राहत की सूचना के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। चौकियां बनी हैं। इसके बाद भी ग्रामीणों का समस्या बनी हुई है।
इन गांवों में भरा है पानी
हस्तिनापुर के जलालपुर जोरा, मखदुमपुर, बंगाली बस्ती, बस्तौरा,दूधली, खेड़ी कला, बधवा, मनोहरपुर, लतीफपुर, भीमकुंड, किशनपुर, मानपुर, शहजादपुर, कुन्हेड़ा, राठौड़ा, हादीपुर, गावड़ी।
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