संजय जैन एक धार्मिक उत्सव में पीछे खड़े हुए , पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरुप के साथ !
मुज़फ्फरनगर की सर्वोत्तम स्टील के मालिक संजय जैन गिरफ्तार, जेल गए
अरबों की जीएसटी की चोरी का है मामला
मुज़फ्फरनगर/मेरठ। शहर के उद्योग जगत में उस समय हड़कंप मच गया जब जीएसटी विभाग ने शहर में अरबों रुपये की कर चोरी के मामले में प्रतिष्ठित उद्योगपति संजय जैन ‘नावले वाले’ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। संजय जैन, ‘सर्वोत्तम स्टील’ नामक प्रतिष्ठान के स्वामी हैं, जिनके विरुद्ध जीएसटी विभाग लंबे समय से जांच कर रहा था। वे देश में प्रसिद्ध जैन तीर्थ ‘अतिशय क्षेत्र वहलना’ के मंदिर के पदाधिकारी भी हैं।
सूत्रों के अनुसार, संजय जैन पर फर्जी बिलों के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का अनुचित लाभ उठाने, फर्जी फर्मों से लेन-देन करने और वस्तु एवं सेवा कर की चोरी करने के गंभीर आरोप हैं। विभागीय जांच में यह खुलासा हुआ कि जैन की फैक्ट्री और उससे जुड़े प्रतिष्ठानों के माध्यम से हर फैक्ट्री द्वारा करोड़ों रुपये की कर चोरी का सिलसिला लंबे समय से चल रहा था।
जीएसटी विभाग ने संजय जैन को पहले कई बार समन जारी किया। जीएसटी की डिप्टी कमिश्नर श्रेया गुप्ता के नेतृत्व में जीएसटी अधिकारी संजय राणा ने उन्हें मेरठ और फिर देहरादून कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। बार-बार समन जारी होने के बावजूद वे उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद उन्हें देहरादून कार्यालय बुलाकर पूछताछ की गई और वहीं से गिरफ्तार कर मेरठ कार्यालय लाया गया। इसके बाद उन्हें मेरठ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया। अब सोमवार को उन्हें जिला जज की अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
हाल ही में विभाग ने संजय जैन के कार्यालय, गोदाम और आवासीय परिसर पर छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं डिजिटल डेटा जब्त किया था, जिससे कर चोरी की पुष्टि हुई। विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई कई महीनों की निगरानी और दस्तावेजी जांच के बाद की गई है।
आपको बता दें कि मुज़फ्फरनगर की सरिया मिलों में फर्जी बिलों का रैकेट पिछले कई वर्षों से सक्रिय है। इसका सरगना मुज़फ्फरनगर का पूर्व सभासद विकल्प जैन है, जिसे जीएसटी टीम पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वह कई महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हो चुका है। बताया जाता है कि वर्तमान में यह अवैध गतिविधि शहर में फिर से जोरों पर है और अधिकांश सरिया मिलें इसमें शामिल हैं।
बताया जाता है कि विकल्प जैन की गिरफ्तारी के बाद बरामद दस्तावेजों से ‘टिहरी स्टील्स’, ‘अम्बा स्टील्स’, ‘सर्वोत्तम स्टील्स’, ‘राणा स्टील्स’, ‘बरनाला स्टील्स’, अमन स्टील्स, ‘भारत स्टील्स’, ‘स्वरूप स्टील्स’, ‘बालाजी स्टील्स’, ‘सिद्धबली स्टील्स’ आदि मिलों में अरबों रुपये के फर्जी बिलों द्वारा जीएसटी चोरी का मामला सामने आया था। विभाग ने इन सभी फैक्ट्रियों को समन भी जारी किए थे। हर फैक्टरी द्वारा 20- 25 करोड़ से ज़्यादा की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया था जिससे शहर में ये लगभग 500 करोड़ की जीएसटी चोरी का केस बताया जा रहा है।
जीएसटी की करोड़ों रुपये की चोरी के मामलों में ‘टिहरी स्टील’ और ‘एम. जी. पब्लिक स्कूल’ के मालिक सतीश गोयल के बेटे वैभव गोयल और सुभाष चंद जैन समेत पूर्व सांसद कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद राणा भी जेल जा चुके हैं और कई महीनों तक जेल में रहे थे। मुज़फ्फरनगर की नगर पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के बेटे कार्तिक स्वरूप को भी कुछ महीने पहले जीएसटी टीम द्वारा हिरासत में लिया गया था, लेकिन उन्होंने दिनभर चली मशक्कत के बाद कई करोड़ रुपये जमा कराकर जेल जाने से बचाव कर लिया था । जीएसटी की टीम ने जब शाह मौहम्मद राणा की गिरफ्तारी की थी तो वहां मिले सबूतों के आधार पर आशुतोष (आशु), मकान नंबर 580/43, गणेश जी धाम के पीछे, भारतीय कॉलोनी, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश और विकल्प जैन, नई मंडी, राम लीला मैदान के पास, मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश के आवासों पर भी छापे मारे थे।
आपको बता दे कि शहर में फर्जी बिलों के रैकेट का मास्टरमाइंड विकल्प जैन वही है, जो इन दिनों नगर पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के साथ हर जगह दिखाई देता है और पालिका की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। एक स्थान पर तो वह मीडिया के कैमरे के सामने पालिका अध्यक्ष को नासमझ जताकर ‘ज्ञान’ देता हुआ भी दिखा था , इसके बावजूद वह हर जगह उनके साथ नजर आता है।
इससे शहर में चर्चा है कि विकल्प जैन पालिका में ठेकों के आवंटन सहित पालिका अध्यक्ष के परिवार की स्टील फैक्टरी में आज भी फर्जी बिलों का धंधा कर रहा है। जीएसटी विभाग के सूत्रों के अनुसार, इन दिनों शहर में एक बार फिर फर्जी बिलों का रैकेट सक्रिय हो चुका है, जिसमें विकल्प जैन के साथ विनय, दीपक, शंकर, गोल्डी, नरेश एवं सहारनपुर के भट्टा व्यवसायी भी शामिल हैं। इनके विरुद्ध साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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