बिजनौर बैराज के सभी गेट खुलने से बढ़ा गंगा का जल स्तर
खादर के दर्जनों गांव जलमग्न, ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों के लिए किया पलायन
हर तरफ पानी के चलते चारे का संकट मडंराया
मेरठ । मवाना और हस्तिनापुर क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले तीन दिनों से हरिद्वार और बिजनौर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। हस्तिनाुपर व परीक्षितगढ़ के एक दर्जन से अधिक गांवों में गंगा का पानी घुस गया है। गंगा के बढ़ते पानी को देखते हुए प्रशासन की ओर से राहत कार्य आरंभ कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन के अधिकारी लगातार नजर बनाए हुए है।
हरिद्वार स्थित भीमगोडा बैराज से बुधवार देर शाम 3 लाख 47 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण बिजनौर बैराज के सभी गेट खोलना पड़ा जिसके कारण।बाढ़ का पानी हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है।इसके कारण हस्तिनापुर व परीक्षिगतढ़ के गंगा के किनारे स्थित गांव पूरी तरह प्रभावित हो गया है। बाढ़ का पानी गांव व खेत खलिहान में घुस गया है। सिरजेपुर, भीकुंड, मानपुर, शहजादपुर, ललितपुर, फतेहपुर प्रेम, शेरपुर, गावड़ी और हंसापुर सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुस चुका है। ग्रामीणों के लिए हालात दिन-प्रतिदिन मुश्किल होते जा रहे हैं।खादर के ग्रामीण अपने पशुओं को सिर पर बोरे रखकर या ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर सुरक्षित स्थानों की ओर ले जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा रहा है। डीएम डा. वी के सिंह की ओर से सख्त निर्देश दिए गये है कि अधिकारी बाढ़ नजर बनाए रखे। बाढ़ में फंसे लाेगों को सुरक्षित बाहर निकाला जााए।
हस्तिनापुर -चांदपुर मार्ग बंद
बाढ़ के चलते हिस्तनापुर -बिजनौर मार्ग को बंद कर दिया गया है। इस मार्ग पर पानी के कारण कई स्थानों पर तटबंध टूट गये है। जिसके कारण रूट को डायवर्ट किया गया है। पीडब्लूडी के एक्सईएन संतेन्द्र सिंह ने बताया कि हस्तिनापुर से चांदपुर वाला बहसूमा -चांदपुर -ठाकुरद्वारा - जसपुर राज्यमार्ग 147 को बंद कर दिया गया है।
कुछ ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अभी तक पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। न नाव की व्यवस्था है, न राहत शिविर, न ही चारा-पानी की कोई व्यवस्था की गई है।
बाेले अधिकारी
इस बारे में एडीएम वित्त, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना है कि हरिद्वार से छोडे गये पानी पर प्रशासन की पूरी नजर बनाए हुए है। लोगों को सर्तक करने साथ बाढ़ में फंसे लोगों काे सुरक्षित निकाला जा रहा है।
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