सीसीएसयू बनाएगा पेटेंट व नवाचार के क्षेत्र में नई पहचान

एससीआरआईईटी में हुई प्रथम चरण की बैठक, सभी फैकल्टियों में होंगी कार्यशालाएं

शिक्षकों को वर्ष 2025-26 में अधिक से अधिक पेटेंट फाइल करने को किया गया प्रोत्साहित 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,अब पेटेंट और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में आशा जताते हुए कहा था कि "विश्वविद्यालय के शोधार्थियों व शिक्षकों को पेटेंट की दिशा में और अधिक प्रेरित करना आवश्यक है, ताकि गुणवत्तायुक्त फाइल्ड, पब्लिश्ड और ग्रांटेड पेटेंट्स की संख्या में वृद्धि की जा सके।"

कुलपति के निर्देशानुसार इस अभियान के प्रथम चरण के रूप में बृहस्पतिवार, 7 अगस्त 2025 को सर छोटू राम इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान (SCRIET) के कमेटी रूम में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में विश्वविद्यालय के निदेशक, शोध एवं नवाचार प्रोफेसर बीरपाल सिंह, आईपीआर सेल के अध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र सिंह गौरव, एससीआरआईईटी निदेशक प्रो. नीरज कुमार सिंगल, तथा अभियांत्रिकी, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, केमिकल, कृषि एवं कंप्यूटर एप्लिकेशन विभागों के 50 से अधिक शिक्षकगण उपस्थित रहे।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे निदेशक शोध,प्रो. बीरपाल सिंह ने कहा, "आज विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में नवाचार और पेटेंट का महत्वपूर्ण स्थान है। हमें व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों स्तरों पर इस दिशा में सशक्त प्रयास करने होंगे।"

विश्वविद्यालय की आईपीआर सेल के अध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र सिंह गौरव ने कहा, "किसी विचार की नवीनता को पहचानना, उसे दस्तावेजों में ढालना और पेटेंट कार्यालय से समन्वय बनाना – ये कार्य मार्गदर्शन से आसान हो सकते हैं। विश्वविद्यालय इसमें हर प्रकार की तकनीकी और सलाहकार सहायता प्रदान करेगा।"

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि जो शिक्षक पहले से पेटेंट कर चुके हैं, वे दूसरों को मार्गदर्शन दें और जो अभी तक इससे अंजान हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।संस्थान के निदेशक प्रो. नीरज सिंघल ने कहा, "यह बैठक SCRIET के लिए न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि अत्यंत प्रेरणादायी रही। संस्थान को नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में यह एक मजबूत शुरुआत है।"बैठक में उपस्थित शिक्षकों ने वर्ष 2025-26 में एक से दो पेटेंट फाइल करने का संकल्प लिया और विश्वविद्यालय से पूर्ण सहयोग प्राप्त होने की बात पर संतोष जताया।

कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के निर्देशानुसार आने वाले सप्ताहों में विश्वविद्यालय परिसर की अन्य प्रमुख फैकल्टियों जैसे कला, वाणिज्य, विज्ञान, कृषि, विधि, शिक्षा, प्रबंधन इत्यादि में भी इसी तरह की विशेष बैठकों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य शिक्षकों और शोधार्थियों को आईपीआर, नवाचार व पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया से जोड़ना है और विश्वविद्यालय को रिसर्च इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करना है। इस दौरान डॉ केपी सिंह, इंजी अमरजीत सिंह ,डॉ पंकज कुमार, डॉ शोभित सक्सैना, डॉ स्वाति सिंह, डॉ शिवम् गोयल , डॉ कपिल कुमार , डॉ अमित शर्मा, डॉ डीपी सिंह, डॉ आशुतोष मिश्रा, इंजी अंकित सिसोदिया आदि शिक्षक उपस्थित रहे।


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