सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सामाजिक संगठन सड़कों पर उतरे 

  कुत्तों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मेरठ में गरजी आवाज नसबंदी और टीकाकरण की सख्त मांग

मेरठ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों को काजी हाउस भेजने के आदेश का चौथ विरोध होना शुरू हो गया है। शनिवार को मेरठ के अहसाय का सहारा सेवा सोसाइटी की ओर से  एक शांतिपूर्ण, लेकिन सशक्त प्रदर्शन किया गया। इसका उद्देश्य दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का विरोध और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग करना था।

अहसाय का सहारा सेवा सोसाइटी संस्था की प्रतिनिधि अंतरा अहलावत, संध्या शर्मा, डॉ. परवेज अहमद, पशु प्रेमी सावन, अवि, श्वेता अदीशी गुप्ता और अन्य सदस्यों ने एक सुर में कहा कि नगर निगम को मेरठ शहर के सभी आवारा कुत्तों का नसबंदी (Sterilization) और टीकाकरण (Vaccination) समयबद्ध और जिम्मेदारीपूर्वक कराना अनिवार्य है।

प्रदर्शनकारियों का कहना था "कुत्तों को दोषी ठहराना बंद किया जाए। असल गलती इंसानों की लापरवाही की है।" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और नगर निगम के पास पशु संरक्षण के लिए योजनाएँ और बजट मौजूद होने के बावजूद, उनका सही उपयोग नहीं हो रहा।

सबसे अहम बात यह रखी गई कि वर्ष 2022 से 2025 तक दिल्ली, राजस्थान और गोवा में एक भी रेबीज से मृत्यु का मामला सामने नहीं आया है। ऐसे में यह कहना कि कुत्ते रेबीज से मर रहे हैं, पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन है। प्रदर्शनकारियों ने याद दिलाया कि अदालत की पिछली सुनवाई में भी यह तथ्य आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया था। संस्था के कार्यकर्ताओं ने आदेश को वापस लेने की मांग की। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को प्रति भेजी गई है।

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