राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने दी दो टूक चेतावनी- शपथ-पत्र दें या आरोप लगाना बंद करें
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने राहुल गांधी के बयानों को ‘गुमराह करने वाला’ करार देते हुए कहा है कि अगर उनके पास प्रमाण हैं तो वह नियमानुसार शपथ-पत्र के साथ कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के समक्ष उन्हें पेश करें। यदि ऐसा नहीं कर सकते तो “बेतुके और भ्रामक आरोप लगाना बंद करें।”
चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया फैक्टचेक अकाउंट के जरिए राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया और कहा कि अगर उन्हें अपनी बात पर विश्वास है, तो वोटर लिस्ट नियमावली 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत शपथ-पत्र दाखिल करें। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि झूठे या भ्रामक बयानों को सार्वजनिक रूप से फैलाना भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 227 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत दंडनीय अपराध है।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर चुनाव आयोग पर “वोट चोरी करवाने” का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट में एक लाख से अधिक फर्जी वोट शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास विस्तृत शोध और तुलनात्मक विश्लेषण पर आधारित सबूत हैं और यह जानकारी “बुलेटप्रूफ” है। उन्होंने इस संबंध में कुछ प्रस्तुतियां और आंकड़े भी मीडिया के सामने रखे।
कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी का पत्र
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, कर्नाटक के सीईओ ने राहुल गांधी को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि वह अपने दावों के समर्थन में हलफनामा दाखिल करें ताकि नियमानुसार जांच की जा सके। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि झूठे दावे करना कानूनन अपराध है और यदि उनके पास सबूत हैं तो नियमानुसार उन्हें सामने लाना चाहिए।
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