सहारनपुर में हाजी इकबाल गैंग ने रंगदारी मांगी
बोले एक करोड़ रुपए नहीं दिए मार देंगे, ठेकेदार ने परिवहन शुल्क का टेंडर लिया
सहारनपुर । सहारनपुर में जिला पंचायत के परिवहन शुल्क का ठेका लेने के कुछ ही घंटे बाद ठेकेदार को एक करोड़ रुपए की रंगदारी की धमकी देने का मामला सामने आया है।
मेरठ के रहने वाले ठेकेदार ने थाना बेहट में तहरीर देकर खनन माफिया हाजी इकबाल गैंग पर धमकी देने का आरोप लगाया है। 8 अगस्त को उन्हें परिवहन शुल्क वसूली का कार्यादेश मिला था। पुलिस ने हाजी इकबाल बाल्ला समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला थाना बेहट क्षेत्र का है।
मेरठ के रहने वाले अब्दुल बारी ने तहरीर देकर बताया कि वो चौधरी कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के प्रतिनिधि हैं। आरोप है कि 8 अगस्त 2025 को जिला पंचायत से उन्हें परिवहन शुल्क वसूली का कार्यादेश मिला था।
बिना नंबर प्लेट की सफेद स्कॉर्पियो में सवार कुछ लोग पहुंचे
आदेश मिलने के बाद उन्होंने अपने कर्मचारियों को विभिन्न स्थलों पर वसूली के लिए तैनात किया। उसी दिन सुबह करीब 5 बजे गंदेवड़ तिराहे के पास स्थित जिला पंचायत की पोस्ट पर बिना नंबर प्लेट की सफेद स्कॉर्पियो में सवार कुछ लोग पहुंचे।
'यहां आज भी हाजी इकबाल उर्फ बाले का दबदबा है'
शिकायतकर्ता के मुताबिक, उनमें से एक व्यक्ति उन्हें अलग ले गया और कहा-आपने यहां काम लेकर बड़ी गलती कर दी है। यहां आज भी हाजी इकबाल उर्फ बाले का दबदबा है। छह महीने से कोई भी इस टेंडर में भाग नहीं ले रहा था, क्योंकि हाजी इकबाल और उसके लोग सिंडिकेट बनाकर काम करते हैं।
'रकम न देने पर उनकी और उनके कर्मचारियों की जान ले ली जाएगी'
अब्दुल बारी का आरोप है कि आरोपी ने उनसे कहा कि हाजी इकबाल का काम उसके सगे भाई महमूद के साले वसीम अली देखते हैं और हाजी इकबाल विदेश से वसीम के जरिए ही गतिविधियां संचालित करते हैं। आरोप है कि आरोपियों ने उनसे एक करोड़ रुपए देने और उनके बताए तरीके से काम करने की मांग की। धमकी दी कि रकम न देने पर उनकी और उनके कर्मचारियों की जान ले ली जाएगी।
हाजी इकबाल हवाला के रुपए विदेश भेजता है
पीड़ित ने आरोपी इकबाल उर्फ बाल्ला, वसीम पुत्र औसाफ अली, वजाहत पुत्र औसाफ अली और शान चौधरी पुत्र सरदार अली (सभी निवासी मेरठ) शामिल हैं। पीड़ित का कहना है कि ये सभी एक गैंग बनाकर पुलिस की मिलीभगत से काम करते हैं। मेरठ में भूमाफिया के रूप में सक्रिय हैं। हाजी इकबाल के पैसों को जमीन खरीद-फरोख्त व हवाला के जरिए विदेश भेजने में इस्तेमाल करते हैं।
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