भाकियू का ट्रैक्टर तिरंगा मार्च,8 घंटे के किसानों के कब्जे में कमिश्नरी पार्क
कमिश्नरी पर खड़े किए ट्रैक्टर, रोकने पर पुलिस से नोकझोंक
मेरठ । सोमवार को पूर्व घोषित भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में सोमवार को किसानों ने ट्रैक्टर तिरंगा मार्च निकाला और मेरठ कमिश्नरी पर पहुंचकर घेराव किया। इस दौरान भाकियू व किसान कार्यकर्ता ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर कमिश्नरी पहुंचे। यहां पुलिस द्वारा रोके जाने पर किसान व कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई।
जिलाध्यक्ष ने बताया कि तीनों तहसीलों से किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में तिरंगा लगाकर आए और कार्यक्रम स्थल पर भंडारे व लंगर की व्यवस्था की। मार्च का उद्देश्य पिछले महीने 9 जुलाई को अपर मंडलायुक्त अमित कुमार को दिए गए 150 बिंदुओं वाले ज्ञापन पर कार्रवाई न होने के विरोध में है।
किसानों का कहना है कि ज्ञापन के किसी भी बिंदु पर समाधान नहीं हुआ और न ही अधिकारियों से कोई ठोस आश्वासन मिला। आंदोलन में गन्ना भुगतान, सिंचाई विभाग में अनियमितताएं, तहसील में भ्रष्टाचार, गन्ना मूल्य का बकाया, और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।धरना स्थल पर किसानों ने माहौल को जोश और लोक रंग से भरने के लिए रागिनी गायन किया। रागिनी में किसानों की समस्याएं और प्रशासन से नाराजगी झलक रही थी।सिर्फ आवाज ही नहीं, पेट भरने की भी व्यवस्था रही। कार्यक्रम में भंडारा और लंगर का आयोजन किया गया। भाकियू हस्तिनापुर की सिख समुदाय ने लंगर सेवा संभाली, जबकि अन्य तहसीलों से आए किसानों ने भंडारे की व्यवस्था की।आने वाले लोगों को करना पड़ा परेशानी का सामना
भाकियू की तिरंगा यात्रा के कारण कमिश्नरी पार्क के चारों ओर किसानों का कब्जा होने से स्थिति विकट हो गयी। सबसे ज्यादा काॅलेज जाने वाली छात्राओं व कमिश्नरी कार्यालय में आने वाले अधिवक्ता व एंम्बूलेसों को कठिनाई का सामना करना पड़ा । मवाना अंडडै तक यही स्थित बनी रही।
स्टंट करते नजर आए टैक्टर चालक
तिरंगा रैली में ट्रैक्टर चालक स्टंट करते नजर आए। डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उसके साथ अभर्द व्यवहार किया। जबरन ट्रैक्टर निकालने के चलते कई पुलिस कर्मी चोटिल होने से बचे।
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