शहर के मंदिरों में महाशिवरात्रि पर लाखों  श्रद्धालुओं  ने किया  जलाभिषेक 

 औघनाथ मंदिर समेत शहर के मंदिराें में बाबा के दरबार में लगा रहे हाजिरी 

मेरठ।  महाशिवरात्रि के पर्व पर देशभर की तरह मेरठ के भी शिवालयों में शिवभक्तों का सुबह से ही तांता लगा हुआ है। भगवान भोलेनाथ के भक्त लगातार जलाभिषेक करने मंदिरों में पहुंच रहे हैं। मेरठ कैंट स्थित पश्चिमी यूपी के सबसे प्रसिद्ध औघड़नाथ स्वयंभू मंदिर में सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालु जुटने लगे हैं। माता पार्वती और भोलेनाथ के दर्शन पूजन करे दूर दूर से भक्त आ रहे हैं।  दरअसल इस धर्मस्थल का अपना अलग ही महत्व है, जहां आने वाले भक्तों का मानना है कि यहां आकर उनकी हर मुराद पूर्ण हो जाती है।

बता दें कि इस मंदिर का अपना अलग ही इतिहास भी है. इसे 1857 की क्रांति का उदगम स्थल भी कहा जाता है। जलाभिषेक करने पहुंचे भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।  लगभग 1 किलोमीटर तक भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। मंदिर में हाल के दिनों में पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अलावा भी यहां अनेकों हस्तियां आकर मत्था टेक चुके हैं। 





सावन शिवरात्रि पर मंदिरों में जलाभिषेक शुरू हो चुका है। शहर के शिवालयों में सुबह 4 बजे से भक्तों की आवक शुरू हो गई। महिलाएं हाथों में दूध, गंगाजल का लोटा लेकर बाबा को अर्पित करने पहुंच रही हैं। 200 किमी दूर गंगा की गोद से कांवड़ लेकर आए कांवड़िए यात्रा के अंतिम पड़ाव पर पहुंचकर बाबा से मिलने को आतुर दिखे। लाखों की संख्या में शिवभक्त आज मंदिर में जलाभिषेक कर रहे है ।शिवभक्तों की संख्या को देखते शहर के औघड़नाथ मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गये है। अधिकारी पल-पल की नजर रख रहे है। 

 कैंट में स्थित ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर में रात 2 बजे से कांवड़ियों द्वारा बाबा का जलाभिषेक प्रारंभ हो गया। बोल बम के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज रहा है। घंटे की धुन और भगवा वेशधारी शिवभक्तों ने माहौल को आशुतोष के रंग में रंग दिया है।औघड़नाथ मंदिर में बुधवार दिनभर बाबा का पूजन, अर्चन और जलाभिषेक हुआ। यहां भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एटीएस से लेकर लोकल पुलिसबल तैनात हैं। मंदिर के अंदर और बाहर लगभग एक किमी के दायरे में मेला भरा हुआ है। कांवड़ियों की सेवा के लिए सेवाशिविर लगाए हैं। चिकित्सा शिविर लगे हैं।बाहर दुकानें सजी हैं। साथ ही खोया पाया केंद्र भी बनाया गया है।



भक्तों को परेशानी न हो इसे देखते हुए मंदिर समिति द्वारा मंदिर में तांबे के लोटे, चंदन तिलक और गंगाजल की व्यवस्था की गयी। जो भी भक्त गंगाजल से जलाभिषेक करना चाहें वो इसे ले सकते हैं। बाबा को आज फूल, धतूरा, आक का फूल, मौली, पीले चंदन से सजाया गया है। पूरा मंदिर परिसर फूलों, धूपदीप और इत्र की महक से सुगंधित हो रहा है।बाबा के मंदिर को आज विशेष रूप से फूलों से सजाया गया है। पूरे मंदिर में फूलबंगला सजा है। साथ ही देसी घी की रसोई, व्रत का चौका लगा है। जहां व्रतियों के लिए खासतौर पर फलाहार बनाया गया है।

सफाई व्यवस्था पर पल-पल नजर

मंदिर के बाहर तीन पार्किंग बनाई हैं। ताकि स्थानीय भक्तों को वाहन पार्किंग में समस्या न हो। मंदिर समिति के अलावा सिविल डिफेंस, रेडक्रॉस, चिकितसा विभाग की टीमें भी कार्यरत हैं। कैंट बोर्ड द्वारा 90 सफाईकर्मी लगे हैं जो लगातार सफाईकार्य कर रहे हैं। भंडारों का आयोजन किया गया है।

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