नूरफातिमा बनी नीलम, स्वालेहीन बनी शालिनी

  मुस्लिम धर्म को छाेड़ कर दो सहेलियों ने धर्मपरिर्वन कर प्रेमियों से रचाया विवाह 

बुलंदशहर ।तीन तलाक व हलाला की प्रथा से  महिलाओं के शोषण के चलते मुरादाबाद की दो मुूस्लिम सहेलियों ने इस्लाम धर्म काे को त्याग कर हिंदू धर्म अपनाते हुए अपने प्रेमियों से हिंदू रीति रिवाज से विवाह रचाया है। दोनो अग्नि को साक्षी मानकर अपने पतियों संग सात फेरे लिए। दोनो की शादी चर्चा का विषय बन गयी है। 

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत परिवर्तन प्रमुख सुनील सोलंकी ने बताया कि दोनों प्रेमी युगल मुरादाबाद जनपद के रहने वाले है। युवतियों ने  तलाक और हलाला  की प्रथा को मुस्लिम महिला शोषण मानते हुए इससे बचने को हिंदू धर्म अपनाया है। बताया कि  दोनों युवतियां ने कभी मीट नहीं खाने का दावा किया है यही नहीं दोनों खुद को राधा कृष्ण की उपासक भी बता रही थी

दरअसल मुरादाबाद की दो मुस्लिम सहेलियां हिन्दू युवकों से मोहब्बत करती है, प्यार को परवान चढ़ाने के लिए दोनों प्रेमियों के साथ मुरादाबाद से भागकर खुर्जा पहुंच गई। जहां खुर्जा के पास जेवर तहसील क्षेत्र में स्थित आर्य समाज मंदिर थोरा में दोनों  दो मुस्लिम युवतियों ने स्वेच्छा से  शुद्धिकरण और धर्मपरिवर्तन करने के बाद अग्नि को साक्षी मानकर हिन्दू प्रेमी युवकों से विवाह किया।



नीलम बन नूरफतमा ने गौरव कुमार से और शालिनी बन स्वालेहीन ने अमित कुमार से विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ सात फेरे लिए, वीएचपी नेता सुनील सोलंकी ने दोनों युगलों का गठबंधन कर शादी के बाद आशीर्वाद दिया।

सुनील सोलंकी ने बताया कि दोनों मुस्लिम युवतियों शिक्षित और बालिग है, पूछताछ के दौरान मुस्लिम युवतियों के इस्लाम धर्म में महिलाओं का शोषण होने को बात कही, बताया कि मुस्लिम महिला का कभी तीन तलाक देकर तो कभी हलाला के नाम पर शोषण किया जाता है जो गलत है, दोनों सहेलियों ने  इसे भविष्य में महिला शोषण वाले ऐसे इस्लामिक नियम से बचने के लिए धर्म परिवर्तन कर हिन्दू युवकों से शादी की है।


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