चौ.चरण सिंह जिला कारागार की मस्जिद में बाहरी लोगों पर पाबंदी
जेल अधीक्षक ने बनाई नई व्यवस्था, सफाई करने वाला बन गया इमाम
मेरठ। जेल की मस्जिद में बाहरी लोगों की आमद बढ़ी तो अफसर अलर्ट हो गए। आनन फानन में निगरानी शुरु करा दी। शिकायत सही मिलने के बाद जेल अधीक्षक एक्शन में आ गए और गैरकानूनी तरीके से रह रहे लोगों के मस्जिद में प्रवेश पर रोक लगा दी और जिम्मेदारी जेल के कर्मचारियों को सौंप दी। अब इसका विरोध हो रहा है। जेल अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के पास सरकारी जमीन पर काफी पुरानी मस्जिद है। यह मस्जिद जेल के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए बनाई गई थी। कुछ दिन पहले जेल अधीक्षक को सूचना मिली कि इस मस्जिद में बाहरी लोगों का जमावड़ा लगने लगा है, जिससे जेल की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। जेल अधीक्षक ने शिकायत की जांच कराई तो आरोप सही पाए गए।
आरोप है कि यहां कुछ समय पहले अब्दुल वाहिद नाम का व्यक्ति मस्जिद की साफ सफाई के लिए कभी कभी आया करता था। धीरे धीरे उसने यहां रहना शुरु कर दिया। उसने लोगों को नमाज के लिए बुलाना शुरु कर दिया। नतीजा यह हुआ कि कुछ ही समय में काफी लोग यहां नमाज पढ़ने के लिए पहुंचने लगे।
पत्नी व बच्चों को भी ले आया
जेल अफसरों का कहना है कि यह व्यक्ति पहले थोड़े समय के लिए आता था। फिर इसने कुछ घंटे रहना शुरु किया। धीरे धीरे शाम और फिर देर रात तक वह यहीं दिखाई देने लगा। जेल प्रशासन को भनक नहीं लगी और वह अपनी पत्नी व बच्चों को भी यहां लेकर आ गया और इमाम बन बैठा।
21 जुलाई को मस्जिद से हटाया
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. वीरेश राज शर्मा ने जांच रिपोर्ट देखी तो वह अलर्ट हो गए। पता चला कि जिस तरह से लगातार मस्जिद में लोगों की भीड़ बढ़ रही है, उससे जेल की व्यवस्था पर भी खतरा हो सकता है। उन्होंने 21 जुलाई को अब्दुल वाहिद को बुलाया और तत्काल मस्जिद खाली करा ली।
इमाम का वीडियो आया सामने
इस कार्रवाई के कुछ दिन तक इमाम शांत रहा लेकिन फिर अचानक उसने एक वीडियो बनाकर वायरल कर दी। वीडियो 2 मिनट 10 सेकेंड की है, जिसमें वह जेल अधीक्षक पर जबरन मस्जिद से भगाने का आरोप लगा रहा है। उसने धमकी व झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है।
आजाद अधिकार सेना ने किया विरोध
आजाद अधिकार सेना अब्दुल वाहिद के पक्ष में उतर आई है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा ने दावा किया है कि अब्दुल वाहिद 30 वर्ष से इस मस्जिद की देखरेख कर रहा है। जेल अधीक्षक पर उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के हनन का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमे की मांग उठाई है।
जमीन कब्जाने का हो रहा था प्रयास...
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मस्जिद की रखवाली के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जे का प्रयास हो रहा था। सबसे बड़ी बात यह थी कि बाहरी तत्वों को यहां बुलाया जा रहा था, जिससे जेल की सुरक्षा पर संकट मंडराता दिखाई दे रहा था। यहां किसी की तैनाती नहीं थी। अब यह जेल विभाग के मुस्लिम कर्मचारी संभालेंगे।
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