हरिद्वार से छोड़े गए 99 हजार क्यूसेक पानी से  हस्तिनापुर खादर में बाढ़ की आशंका

 प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, ग्रामीणों  से सतर्कता बरतने के दिए निर्देश 

 मेरठ।  गंगा का बढ़ता जलस्तर और मौसम की बिगड़ती स्थिति से हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में बाढ़ की आशंका गहरा गई है। बुधवार तड़के सुबह 3 बजे हरिद्वार बैराज से 99 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके साथ ही खादर के गांवों में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है।

बिजनौर बैराज से पहले से ही 51 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। हरिद्वार से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के मिलने से गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ने की संभावना है। भीकुंड, तारापुर, मखदुमपुर और अन्य खादर गांवों में लगातार बारिश हो रही है। इससे खेतों और रास्तों में पहले से ही जलभराव की स्थिति बन चुकी है।

प्रशासन ने खादर क्षेत्र के गांवों को अलर्ट कर दिया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जा चुका है। आपदा प्रबंधन दल और राजस्व टीमों को भी निगरानी में लगा दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि बारिश यूं ही जारी रही और गंगाजल का दबाव बढ़ा, तो निचले इलाकों में पानी भरना तय है।

खादर क्षेत्र के किसान गहरी चिंता में हैं। धान, गन्ना और सब्जियों की फसलें खेतों में खड़ी हैं। निरंतर बारिश और संभावित गंगाजल के कारण फसलों के नष्ट होने की आशंका बढ़ गई है। अगले कुछ घंटों में मौसम की स्थिति और गंगा के जलस्तर पर सभी की नजर है। बिजली, रास्तों और संचार पर प्रभाव की संभावनायदि बाढ़ आई, तो क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप, सड़क मार्ग बंद और संचार सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

कई ग्रामीण पहले ही अनाज व मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी में लग गए हैं।गंगा में छोड़े गए तेज बहाव वाले पानी और लगातार हो रही वर्षा ने हस्तिनापुर खादर क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। हालांकि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है, लेकिन यदि बारिश यूं ही चलती रही, तो आने वाले 24 से 36 घंटे में बाढ़ की स्थिति गंभीर रूप ले सकती है। ग्रामीणों से अपील है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन से संपर्क में बने रहें।

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