कारोबारी से 13 लाख की ठगी
साइबर अपराधियों ने मुनाफे का लालच दिया, खंगाले जा रहे खाते
मेरठ। थाना सिविल लाइन क्षेत्र के एक कारोबारी को ट्रेडिंग करना महंगा पड़ गया। सोशल मीडिया से संपर्क में आई एक महिला ने मुनाफे का झांसा देकर कारोबारी से 13 लाख रुपए इन्वेस्ट करा लिए। जब रकम निकालने का समय आया तो कारोबारी के सामने खाते में कुल रकम की 30 प्रतिशत रकम पर्सनल इन्कम टैक्स के रूप में जमा कराने की शर्त रख दी। कारोबारी ने साइबर थाने में शिकायत की है। साइबर टीम उन खातों का रिकार्ड खंगाल रही है, जिनमें यह रकम भेजी गई थी।
शिवाजी रोड निवासी संजय अग्रवाल सर्विस प्रोवाइडर हैं और अस्पतालों के सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं। पिछले महीने सोशल मीडिया के जरिए उनकी मुलाकात पारुल राजपूत नाम की महिला से हुई। उस महिला ने उन्हें ट्रेडिंग की जानकारी दी। उसने सबकुछ इस तरह समझाया कि वह उसकी मंशा समझ नहीं सके और रकम इंवेस्ट करना शुरू कर दिया।11 बार में 13 लाख रुपये इंवेस्ट किए। रकम निकालने का प्रयास किया तो कंपनी की प्रतिनिधि ने खाते में कम से कम 30 प्रतिशत रकम और जमा कराने की शर्त रख दी। कारोबारी ने कंपनी के कई और नंबरों पर संपर्क किया लेकिन हर नंबर पर एक ही जवाब मिला।
10 हजार रुपये से शुरू हुआ इंवेस्ट
संजय ने बताया कि शुरु में उनका भरोसा जीतने के लिए कंपनी की प्रतिनिधि ने 10 हजार रुपये इंवेस्ट कराए और उसका मुनाफा कुछ देर बाद ही खाते में आ गया। यह खाता उस महिला ने यूबीएस ट्रेडिंग सेंटर में खुलवाया था। इसके बाद 11 अलग अलग खातों में उन्होंने 13 लाख रुपये की रकम इंवेस्ट कर दी।
एक्सपर्ट्स का यह है कहना
साइबर एक्सपर्ट ऑनलाइन ट्रेडिंग या बैंकिंग करते समय हमेशा सुरक्षित वेबसाइट का उपयोग करें। वेबसाइट का यूआरएल https से शुरु होना चाहिए। अंजान कॉलर अथवा मैसेज को हमेशा नजर अंदाज करें। क्योंकि एक बार संपर्क में आने पर 60 प्रतिशत तक ठगी की संभावना बढ़ जाती है।
एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने बताया कि कारोबारी के द्वारा दी गई जानकारी एक्सपर्ट टीम को उपलब्ध करा दी गई है। टीम उन खातों का रिकार्ड निकाल रही है, जिनमें रकम ट्रांसफर की गई थी। शार्टकट से पैसा कमाने के लालच में लोग साइबर ठगों का आसान लक्ष्य बन रहे हैं।
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