सुभारती विवि में लाइब्रेरी साइंस डिपार्टमेंट में नेशनल रीडिंग डे का आयोजन
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंस डिपार्टमेंट में नेशनल रीडिंग डे का आयोजन किया गया। विभाग द्वारा इस अवसर पर इंर्पोटेंस ऑफ रीडिंग इन डिजिटल ऐज व्याख्यान का आयोजन किया। केरल में पुस्तकालय आन्दोलन के जनक ”डा. पी.एन. पणिक्कर की पुण्यतिथि को ”नेशनल रीडिंग डे“ के रूप में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत यू.जी.सी. के दिशा निर्देशो के अनुसार किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पढनें की आदत को विकसित करना व साथ ही पढ़ने की आदत को प्रमुख कौशल के रूप में रेखांकित किया जाना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कला एवं सामाजिक विज्ञान, के संकायाध्यक्ष डा. सुधीर त्यागी, शिक्षा संकाय के संकायाध्यक्ष डा. संदीप चौधरी, लिबरल आर्ट के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज त्रिपाठी सहित सभी शिक्षकगणों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप-प्रज्जवलन के साथ किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. संदीप चौधरी ने इस अवसर पर रीडिंग डे की बधाई देते हुए कहा कि डिजिटल युग में हम किताबों से दूूर होते जा रहे हैं। किताबों की महत्ता को लेकर अपने संबोधन में कहा कि ऑनलाईन रीडिंग मैटेरियल भले ही आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इससे हम किताबों की गहराई और अनुभव से वंचित होते जा रहे है। उन्होंने सही कंटेंट चुनने, सर्च करने और ऑफलाईन पढने की आदत डालने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रीडिंग मटेरियल को समझदारी से चुनना और नोट्स बनाकर पढना, ज्ञान को स्थायी बनाता है। दूसरे वक्ता डॉ. मनोज त्रिपाठी ने कहा कि (किरण बेदी) और (डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम) जैसी प्रेरणादायक पुस्तकों का उदाहरण देते हुए कहा कि किताबों का स्थान कोई डिजिटल माध्यम नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि ‘‘ऑनलाईन प्लेटफॉर्म पर केवल सूचना होती है, जबकि असली ज्ञान केवल किताबों से ही मिल सकता है‘‘ अन्य वक्ता डॉ0 मोनिका, प्रभारी स्वामी विवेकानन्द चेयर ने इस अवसर पर अपने वक्तव्य में कहा कि आजकल प्रत्येक व्यक्ति कही न कही तनाव से ग्रसित है और उन्होंने सुझाव दिया कि मोबाईल के उपयोग की तुलना में किताबें या उपन्यास पढना अधिक लाभकारी है उन्होंने कहा कि ‘‘पुस्तक हमारे सबसे अच्छे शिक्षक है‘‘ जो हमसे कुछ अपेक्षा नहीं करती बल्कि हमें ज्ञान देती है उन्होंने रीडिंग हेबिट को बढावा देने पर बल दिया।
”कला एवं सामाजिक विज्ञान, के संकायाध्यक्ष डा. सुधीर त्यागी ने सेमिनार के विषय में जानकारी दी तथा इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान में विद्यार्थियों में पढने की आदतों को विकसित करना अत्यन्त आवश्यक है जिसके लिए कक्षा के अतिरिक्त पुस्तकालय एक महत्वपूर्ण स्थान है तभी विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। इसलिए अपने जीवन में इनका अधिकतम उपयोग करना चाहिए पुस्तके ही हमें मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के शिक्षकों व विद्यार्थियों ने अपनी भागीदारी दिखाई व बढ चढ कर हिस्सा लिया। विभिन्न शिक्षकों व शिक्षिकाओं द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी । इस अवसर डा. मनोज त्रिपाठी, डा. मोनिका, डॉ. जावेद खान, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. अल्पना, डॉ दुर्वेश, डॉ. अतुल तिवारी, भावना, ईशा जौहरी, दिपिका, राजेन्द्र और स्वाति इत्यादि सभी शिक्षकगण, विद्यार्थी व कर्मचारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन ” लाइब्रेरी साइंस डिपार्टमेंट“ की शिक्षिका डा. सपना शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया। सभी ने कार्यक्रम को अत्यन्त सराहा।
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