पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की मीट फैक्ट्री पर छापेमारी
डीएम, एसएसपी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं पशुपालन की संयुक्त टीम की बड़ी कार्रवाईमैसर्स अल साकिब एक्सपोर्ट लिमिटेड की पशु वधशाला में मंगलवार को खत्म हुआ लाइसेंस
मेरठ। मंगलवार यानी दो जून को मैसर्स अल साकिब एक्सपोर्ट लिमिटेड की पशु वधशाला का लाइसेंस समाप्त हो गया। इस पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की निगाह लगी हुई थी। यह फैक्ट्री पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की है, जो हापुड़ रोड पर स्थित है। डीएम डा. वीके सिंह, एसएसपी डा. विपिन ताडा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पशुपालन की संयुक्त टीम ने मंगलवार को मीट फैक्ट्री में छापेमारी की। पशु वधशाला में कोई पशु कटता नहीं मिला। टीम की इस छापेमारी से यहां अफरातफरी की स्थिति बनी रही।
पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की मैसर्स अल साकिब एक्सपोर्ट लिमिटेड फैक्ट्री हमेशा चर्चा में रही है। दो जून 2025 को फैक्ट्री की पशु वधशाला का लाइसेंस समाप्त हो गया, तो डीएम डा. वीके सिंह ने एसएसपी डा. विपिन ताडा के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पशुपालन की टीम के साथ फैक्ट्री पर औचक निरीक्षण किया। हालांकि निरीक्षण के दौरान पशु वधशाला में कोई भी पशु कटान नहीं मिला। डीएम ने जब फैक्ट्री प्रबंधक से पूछा तो लाइसेंस समाप्त होने की जानकारी दी। ऐन्टीमार्टम यानी कटान से पहले पशुओं को रखे जाने वाले स्थान पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था, लेकिन चालू नहीं था। कटान के लिए पशुओं का प्रवेश मुख्य द्वार से किया जा रहा था, लेकिन एंटीमार्टम वाले स्थान पर प्रबंधक द्वारा कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया। प्रशासनिक टीम को एक जून 2025 को कुल 216 पशुओं के प्रवेश का विवरण मिला, जबकि निरीक्षण के दौरान एंटीमार्टम के स्थान पर 214 पशुओं के प्रवेश का विवरण मिला। इस संबंध में डीएम ने जब पशु चिकित्साधिकारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि दो पशु एंटीमार्टम निरीक्षण के समय हटा दिए गए थे। ईटीपी प्लांट चालू अवस्था में पाया गया। डीएम डा. वीके सिंह ने बिना टैग के पशुओं के वध पर आपत्ति जताई और पशु वधशाला पर पशुपालन विभाग द्वारा नियुक्त पशु चिकित्साधिकारी पर गुस्सा जताते हुए भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं किए जाने के कड़े निर्देश जारी किए।
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