राज्यसभा सांसद लक्ष्मी कांत वाजपेयी घंटाघर स्थित डाकघर को चालू कराने की मांग की
संचार मंत्री ज्यातिरादत्य सिधिया को खिला पत्र ,डाक घर को ध्वस्तीकरण रिपोर्ट पर खडे किए सवाल
मेरठ। राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मी कांत वाजपेयी ने पिछले दो साल से घंटाघर स्थित बंद पडे डाकघर को फिर से शुरू करने की मांग की है। उन्होंने इस सबंध में केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है। उन्होंने डाकघर को तोड़्कर नये भवन की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है।
संचार मंत्री को भेज गये पत्र में डा. वाजपेयी ने लिखा है। घंटाघर स्थित डाकघर 19 अप्रैल 2023 से बंद है। वर्तमान में वह कैंट डाकघर में शिफ्ट है इसके कारण शहर के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पत्र उन्होनें इसका कारण डाकघर के बराबर में प्राइवेट पार्टी द्वारा बनाए गये शॉपिंग काम्पलैक्स बनाए जाने के कारण डाकघर के पिछले एक हिस्से की जमीन बैठ जाना बतायाहै। उन्होंने पत्र में इस बात का जिक्र भी किया कि तत्कालीन मंत्री ने मेरठ भ्रमण के दौरान डाकघर को तोड़कर नये डाकघर का निर्माण करने की बात ही थी इसकाे रेल विभाग बनाएगा इसका भी जिक्र किया गया था।उन्होंने सवाल उठाया है। कि ठीकठाक भवन को गिराने के लिए रूड़की के किसी बाहरी व्यक्ति से रिपोर्ट ले गयी। जबकि भवन का पिछला हस्सा जमीन धसने के कारण गिर गया था। जबकि आगे की बिल्डिंग पूरी तरह ठीक है। सिर्फ पर रंगाई पुताई कर उसे फिर से चालू किया जा सकता है। पत्र में उन्होंने बताया कि रेल विभाग के एक अधिशासी अभियंता ने डाकखाने का स्वयं निरीक्षण किया था पाया गया कि केवल भवन के पिछले हिस्से ही निर्माण योग्य है। अगला हिस्सा पूरी तरह सुरक्षित है। अगले हिस्से को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। फिर भी आवश्यक समझा जाए तो नोएडा से किसी कंपनी से ढांचागत रिपोर्ट ले ली जाए। कम समय मे रिपोर्ट मिलने के बाद रंगाई पुताई के बाद दो से तीन माह में चालू हो जाएगा।
राज्य सभा सांसद ने पत्र में यह भी कहा है जिस व्यक्ति के कारण डाकघर का पिछला हिस्सा गिरा उसके विरूद्ध तत्कालीन पोस्टमाटर, सिटी पोस्ट आफिस ने लचर एफआईआर दर्ज करायी। उसमें कही भी आर्कटेक्ट का नाम नहीं है। प्राधिकरण उसका नक्शा पाास किया या नहीं इसका भी उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा है डाकघर का जो पिछला हिस्सा गिर गया था। उनका जुर्माना उनसे वसूलना चाहिए ताकि इसका निर्माण हो सके और शासन पर कोई अतिरिक्त भार न पडे।
No comments:
Post a Comment