अवैध कॉलोनी ढहाने के लिए गये जीसीबी में उतारा करंट , चालक की मौत
करंट की चपेट में तीन लोग भी झुलसे , स्थानीय लोगों ने मेडा के कर्मचारियों को बनाया बंधक
मेरठ। लिसाडी क्षेत्र के समर गार्डन में सोमवार को उस समय बड़ा हादसा हो गया। जब अवैध कॉलोनी में बिजली के खंबे को हटाने के लिए पहुंचे मेडा टीम की जेसीबी में करंट उतरने से चालक की दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि तीन अन्य लोग करंट झुलस गये। आनन फानन में झुलसे लोगों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। वही स्थानीय लोगों ने मेडा कर्मचारियों को बंधक बना लिया।जिस पर भारी संख्या में फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस ने बंधक बनाए गये कर्मचारियों को मुक्त कराया।
हादसा दोपहर 12 बजे के आसपास का है। समर गार्डन में 12 बजे मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की टीम समर गार्डन में मदीना फेज-2 की अवैध कालोनी में लगे बिजली के खंभों को हटाने पहुंची थी। मेडा ने बिजली विभाग में भी इसकी सूचना नहीं दी थी। बिना शटडाउन लिए ही टीम ने खंभे हटाना शुरू कर दिया था।अवैध कालोनी में लगे बिजली के खंभों को हटाने पहुंची थी। तभी मेडा की जेसीबी मशीन अचानक कालोनी के ऊपर से गुजर रही 11 हजार केवी की बिजली लाइन से टच हो गई।बिजली का झटका इतना तेज था कि वहां दो-तीन कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए। मौके पर एक कर्मचारी जेसीबी चालक छोटेलाल की मौत हो गई।हेल्पर गया प्रकाश तुरंत उतरकर भाग गया।सूचना मिलने पर थाना पुलिस और टीम पहुंची है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों ने वहां पर मेडा के कुछ कर्मचारियों को बंधक बना लिया है।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया- जिस समय जेसीबी में करंट उतरा, उस समय मेडा के जो अफसर और कर्मचारी मौके पर आए थे। वो हादसे के होते ही भाग गए। किसी ने ये तक नहीं सोचा कि घायलों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। लेकिन सभी लोग हादसे के होते ही भाग गए। न ही किसी ने ये सोचा कि बिजली का शटडाउन करा दें। हम लोगों ने पुलिस को फोन किया। तब शटडाउन हुआ।
शव के साथ कपड़े भी झुलसे
हादसा इतना घातक था कि ड्राइवर छोटेलाल क्रेन पर ही बुरी तरह जला और नीचे गिर गया। उसकी बॉडी जल चुकी थी। आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। लोगों ने छोटेलाल के कपड़ों की तलाशी ली। कपड़े भी जल चुके थे। शरीर भी बुरी तरह झुलस चुका था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसा होते ही मेडा के अधिकारी और कर्मचारी भाग गए। किसी ने ये तक नहीं सोचा कि घायलों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। हम लोगों ने पुलिस को फोन किया। तब शटडाउन हुआ।
बेटा कहता रहा पापा, मेरे पापा
हादसे की सूचना छोटेलाल के परिवार को मिली तो परिवार के लोगों को भरोसा नहीं हुआ। मौके पर छोटेलाल का बेटा दिनेश पहुंचा। दिनेश ने जैसे ही अपने पिता की जली हुई बॉडी देखी वो रो पड़ा। रोते-रोते बेटा दिनेश बार-बार बस यही कह रहा था कि मेरे पापा, मेरे पापा। आसपास खड़े कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दिनेश को संभाला।छोटेलाल के परिवार में पत्नी शांति है। बेटा दिनेश उसकी पत्नी गीता है। उनके दो बच्चे बेटा आयुष और बेटी किट्टू है। छोटेलाल की दो शादीशुदा बेटियां पुष्पा और हेमा हैं।छोटेलाल की डेडबॉडी को पिकअप में रखा गया तो भी बेटा दिनेश बार-बार पिता की लाश की ओर बढ़ने लगा। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उसे संभाला और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मेडा कर्मचारियों ने की मुकदमे की मांग
मेरठ में हुए इस हादसे में मेरठ विकास प्राधिकरण के कर्मचारी संगठन और कर्मचारी यूनियन के लोगों ने शोक जताया। कर्मचारियों ने पूरी घटना पर शोक जताते हुए कहा- उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। जिन्होंने बारिश के मौसम में खंभे, ट्रांसफारमर हटाने और अवैध कालोनी ध्वस्तीकरण का अभियान चलवाया। बारिश में बिजली का काम कराने का आदेश दिया। उसमें भी बिजली विभाग की अनुमति नहीं ली गई, न उसे सूचित किया। अगर बिजली विभाग को सूचित कर मदद ली जाती, तो हादसा नहीं होता।
जांच के दिए आदेश
इस मामले में मेडा उपाध्यक्ष संजय कुमार मीना ने हादसे में मौत के बाद जांच के आदेश दिए है। इसके एक कमेटी गठित की गयी है।
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