टीबी उन्मूलन की दिशा में एक अहम कदम

 मुज़फ्फरनगर में टीबी उन्मूलन को लेकर आयुष चिकित्सकों की कार्यशाला आयोजित

जिलेभर से 80 चिकित्सकों ने लिया भाग, विशेषज्ञों ने बताए लक्षण और इलाज

मुज़फ्फरनगर। जिले में क्षय रोग (टीबी) की रोकथाम और आयुष चिकित्सकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शनिवार को ग्रीन एप्पल रेस्टोरेंट, स्वरूप प्लाज़ा, रुड़की रोड स्थित सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता वरिष्ठ आयुष चिकित्सक डॉ. लोकेश चंद्र गुप्ता ने की।

कार्यशाला में जनपद के लगभग 80 आयुष चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय आयुष अधिकारी डॉ. इसपाल, नेशनल टीम से डॉ. आसिफ शैफी, तथा टीबी विभाग से साहबान उल हक, प्रवीण कुमार और संजीव शर्मा बतौर विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

मुफ्त इलाज और समय पर पहचान पर दिया ज़ोर

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि टीबी एक गंभीर लेकिन पूर्णतः उपचार योग्य रोग है। इसके लक्षणों की समय रहते पहचान और नियमित इलाज ही इससे मुक्ति का एकमात्र रास्ता है।

उन्होंने बताया कि सरकारी क्षयरोग केंद्रों पर टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह निःशुल्क है। इसके अतिरिक्त, मरीजों को सरकार द्वारा पोषण भत्ता भी प्रदान किया जाता है, जिससे उपचार के दौरान उनकी सेहत बनी रहे।

लक्षणों की पहचान जरूरी

कार्यशाला में बताया गया कि टीबी के प्रमुख लक्षणों में—

दो सप्ताह से अधिक खांसी,

बलगम में खून आना,

वजन कम होना,

रात को पसीना आना

शामिल हैं। इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न कर, तुरंत जांच कराना चाहिए।

आयुष चिकित्सकों से की गई अपील

विशेषज्ञों ने सभी उपस्थित आयुष चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में टीबी के प्रति जनजागरूकता फैलाएं, संभावित मरीजों की पहचान कर उन्हें नज़दीकी क्षयरोग केंद्र तक पहुंचाएं, ताकि समय रहते इलाज शुरू हो सके।

कार्यशाला का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उपस्थित चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की मांग की।


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