काउंट डाउन:
हां अब दिल्ली दूर नहीं
रैपिड के पूरे कॉरिडोर पर सफल ट्रायल के बाद एनसीआरटीसी की मेहनत रंग लाई
शहरवासी भी बोले, अब उम्मीदों को लगेंगे पंख
मेरठ। रविवार को जिस प्रकार एनसीआरटीसी ने पूरे 82.2 किलोमीटर लंबे रैपिड कॉरिडोर पर एक घंटे भी कम समय में ट्रायल रन सफलता के साथ पूरा किया, उससे साफ है कि मेरठ शहर के लोगों के लिए अब दिल्ली दूर नहीं रही। उधर शहर वासियों की उम्मीदों को भी पंख लगते दिखे। सबसे खास बात यह कि सराय काले खां से मोदीपुरम के बीच हुए हुए ट्रायल रन में किसी तरह की कोई तकनीकी खामी नहीं आई। समय भी एक घंटे से कम लगा।
अब बस सेफ्टी कमिश्नर की हरि झंडी मिलते ही रैपिड रफ्तार पकड़ लेगी। एक खास बात और यह कि इस ट्रायल के दौरान मेरठ मेट्रो ट्रेनें भी रैपिड ट्रेनों के साथ चल रही थीं। ऐसा भी नहीं कि सराय काले खां से मोदीपुरम तक ट्रेन लगतार चली हो। रैपिड ट्रेनों ने इस दौरान हर स्टेशन पर स्टॉप लिया। इससे यह साफ है कि जब ट्रेन का संचालन सुचारू रूप से शुरू होगा तब भी ट्रेन सराय काले खां से मोदीपुरम तक एक घंटे से कम का ही समय लेगी। रैपिड संचालन के दौरान एक और खास बात यह रही कि इस कॉरिडोर पर विश्व में पहली बार प्रयोग होने वाले, एलटीई बैकबोन पर आधुनिक ईटीसीएस लेवल 3 हाइब्रिड सिग्नलिंग सिस्टम को डिप्लॉय किया गया है।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। रैपिड के संचालन से जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे वहीं दिल्ली का सफर बेहद सुहाना हो जाएगा।
(नासिर सैफी)
रैपिड का संचालन मेरठ और एनसीआर के लोगों के लिए सफर और कारोबारी दोनों लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा मेट्रो के संचालन से शहर की यातायात व्यवस्था सुधरेगी।
(संजय जैन)
कुछ ही साल पहले देखा गया सपना आज साकार होने को है। इसके लिए एनसीआरटीसी के इंजीनियर्स और सभी वर्कर्स बधाई के पात्र है।
(नरेंद्र राष्ट्रवादी)
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