मिट्टी के बर्तनों पर सजी रंग-बिरंगी कलाकृति
ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में प्रतिभागियों ने सीखी चित्रकारी की बारीकियाँ
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, के ललित कला विभाग में राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश (संस्कृति प्रभार) के सहयोग से आयोजित 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों को मिट्टी के गमलों और फूलदानों पर चित्रकारी का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में संचालित हो रही है। प्रतिभागियों को उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न समूहों में विभाजित कर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर अलका तिवारी ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण सत्र में कला प्रशिक्षक डॉ. शालिनी धामा (सहायक प्रोफेसर) एवं स्वतंत्र कलाकार खालिद द्वारा प्रतिभागियों को पेपर, क्ले, कपड़ा, मोटी डोरी, शीशे, चूड़ी आदि की सहायता से टेराकोटा के गमलों और फूलदानों को सजाने की विधियाँ सिखाई गईं।प्रो. तिवारी ने बताया कि इन कलात्मक बर्तनों को कलरफुल पेपर, ट्रांसपेरेंट शीट, कुंदन व स्टोन आदि से भी सजाकर आकर्षक बनाया जा सकता है, जो बाजार में अच्छे दामों पर बिकते हैं और कलाकारों को आर्थिक लाभ भी प्रदान करते हैं।कार्यशाला में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. पूर्णिमा वशिष्ठ, डॉ. शालिनी धामा, विष्णु, खालिद, दीपांजलि, डॉ. रीता सिंह के साथ छात्र स्तर पर अंजू शर्मा, ज्योति, पीयूष, राखी और राहुल का विशेष योगदान रहा।
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