महंगी गाड़ियां फाइनेंस कराकर फ्रॉड करने वाला मास्टर माइंड गिरफ्तार
एसटीएफ मेरठ यूनिट ने किया खुलासा, दर्जनों गाड़ियां बेचकर करोड़ों कमाए
मेरठ। मेरठ एसटीएफ की टीम ने महंगी गाड़ियों को फर्जी कागजातों पर फाइनेंस कराकर उन्हें बेचने वाले गैंग के मास्टर माइंड को परीक्षितगढ़ रोड से एक स्कूल के पास से गिरफ्तार किया है। गिरोह अब तक करोड़ों रुपये की गाड़ियां फाइनेंस कराकर बड़ा फ्रॉड कर चुका है। आरोपी अनंगपाल नागर के पास से फ्रॉड करके 40 लाख रुपये में फाइनेंस कराई गई फॉरच्यूनर गाड़ी बरामद की गई। टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ के एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि टीम को सूचना मिल रही थी कि विभिन्न बैंकों में किराये के मकान का पता देकर गाड़ी खरीदने के नाम पर लोन लेने वाला गैंग सक्रिय है। गैंग के मेंबर आधार कार्ड में मकान का पता बदलकर कर बैंकों मे गाड़ी की किस्त जमा न करके उन गाड़ियों को मुनाफे में बेच देते हैं।
गैंग के सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही थी। बुधवार को टीम ने मास्टर माइंड अनंगपाल नागर को किला परिक्षितगढ़ रोड पर कृष्णा पब्लिक स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर अलग-अलग बैंकों मे जाकर महंगी गाड़ियां खरीदने के लिए फाईनेंस कराता है। गाड़ी फाइनेंस होने के बाद बैंक में दिये गये पते से सम्बन्धित स्थान को छोड़कर दूसरी जगह रहने लगते हैं, जिससे कि फाइनेंस की किस्त न भरनी पडे़। इसके कुछ महीने के बाद यह लोन पर ली गई गाड़ी को किसी अन्य को बेच देते थे।
एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी ने अपनी महिला मित्र के नाम पर उद्यम-यूनिट का नाम प्रीति डेरी में फ्लैट नं0-601 अंसल टाउन मोदीपुरम मेरठ का पता दर्शाते हुए ऑनलाइन फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया था।अनंगपाल नागर ने अपने साथियों के नाम से अलग-अलग बैंकों में फाइनेंस की गई गाड़ी की रकम प्राप्त करने व आईटीआर में एक खाते से दूसरे खाते में पैसा आदान प्रदान कर बैंक में सिविल स्कोर दिखाने हेतु खाते जो अकाउंट खुलवाये गये, उनमें गलत पता दिखाया गया।
आरोपी के पास बरामद फॉरच्यूनर उसने अपने ही गांव के रहने वाले अपने साथी के नाम से एसबीआई शाखा ब्रह्मपुरी मेरठ से मार्च 2025 में 40 लाख रुपये में फाइनेंस कराई। इसके अलावा अनंगपाल नागर ने इण्डियन बैंक शाखा यूनिवर्सिटी मेरठ से एक स्कार्पियो वर्ष 2024 में अपनी मित्र महिला के नाम से 18 लाख 50 हजार रुपये में फाइनेंस कराई थी। इसमें भी फर्जी पते के कागज लगाए गए। इस गाड़ी को फरवरी 2025 में मोहित सिवाच नाम के व्यक्ति काे 11 लाख रुपये में दे दिया गया।
इसके अलावा एक हाई राईडर कार वर्ष 2024 में टोयटा फाइनेंस कम्पनी से 18 लाख रुपये में फाइनेंस कराई गई। एक अन्य हाई राईडर कार आईसीआईसीआई गुड़गांव बैंक से अपने साथी के फर्जी पते पर 18 लाख में फाइनेंस कराई, जिसको बाद में स्पिनी कम्पनी राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद को 16 लाख रुपये में बेच दिया गया। एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि गैंग के दूसरे मेंबर के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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