इलमा अज़ीम
आईटी कंपनियां इस समय पसोपेश में हैं और वे वक्त की नजाकत भांपने का प्रयास कर रही हैं। भारत आईटी सोर्सिंग का दुनिया का सबसे बड़ा केन्द्र है और यहां की कंपनियां इसका फायदा उठा रही हैं तथा बड़े पैमाने पर रोजगार भी दे रही हैं। अब यहां एआई की धमक साफ दिख रही है। भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने अपने कर्मचारियों या यूं कहें कि आईटी प्रोफेशनल्स की सैलरी बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है। कंपनी अमेरिका तथा चीन में एआई के बढ़ते उपयोग की समीक्षा कर रही है।
देख रही है कि वहां इसका कितना उपयोग होता है और हमें उससे कितना नफा-नुकसान होगा। सभी आईटी कंपनियां ही नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी अन्य कंपनियां भी एआई के पूरी तरह से कार्यान्वित होने का इंतजार कर रही हैं जिसकी खूबी है कि वह कई-कई लोगों का काम कर लेती है। इसके आने के बाद क्या होगा, इस बारे अभी अंदाजा ही लगा सकते हैं। हमारी आईटी कंपनियां ज्यादातर बैक एंड के रूप में काम करती हैं और विदेशी कंपनियों के ऑर्डर पर निर्भर रहती हैं। उन्हें बहुत तरह के ऑर्डर मिलते हैं लेकिन ये सभी हाई एंड नहीं होते। इनमें से बहुत से काम ऐसे मिलते हैं जिनके लिए ज्यादा टैलेंट की जरूरत नहीं है।
सामान्य से सॉफ्टवेयर इंजीनियर उसे करते हैं और उनकी तादाद बहुत ज्यादा होती है। भारतीय आईटी कंपनियों में ज्यादातर कर्मी इसी प्रकार के होते हैं जिनकी नौकरियों पर अब एआई के कारण खतरा मंडरा रहा है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एआई के कारण कई तरह के ज़ॉब्स खतरे में पड़ जायेंगे क्योंकि वह उन्हें बड़ी सफाई और बहुत तेजी से करने में समर्थ होती है।
इंडियाटेक के एमडी रमेश कैलासम बताते हैं कि ये छोटे-छोटे जॉब्स चले ही जाएंगे क्योंकि एआई बहुत आसानी से यह सब कर देगा। आईटी कंपनियों में कई ऐसे ज़ॉब्स हैं जो निचले लेवल के कर्मचारी करते हैं। इन्हें एआई आसानी से कर लेगा। वह इसके लिए कोडिंग का उदाहरण देते हैं जिसे इन कंपनियों में सॉप्टवेयर इंजीनियर करते हैं लेकिन एआई बड़ी आसानी से यह कर लेगा। वहीं, बहुत से टास्क ऐसे हैं जो कम समय व खर्च में एआई कर सकता है।
ऐसे में विदेशी कंपनियों से इस तरह के जॉब्स के ऑर्डर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं उनका कहना है कि जब भारत में कंप्यूटरीकरण शुरू हुआ था तो ऐसे ही हालात थे और कहा जा रहा था कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैलेगी क्योंकि लोग निकाले जायेंगे। कुछ समय तक ऐसा लगा लेकिन बाद में कंप्यूटरीकरण की वज़ह से लाखों नये रोजगार सृजित हुए और देश ने तरक्की की। आने वाले समय में एआई भी ऐसे ही हालात पैदा करेगी। आईटी सेक्टर पर इसका असर ज्यादा पड़ रहा है और उनके प्रॉफिट में या तो कमी आ रही है या फिर वे स्थिर हैं। यह उनके लिए चिंता का विषय है।
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