मेरठ की  गोल्डन  गर्ल बनी रूपल चौधरी 

 दक्षिण कोरिया में जमाई मेरठ की धाक , तीसरे दिन भी महिला 4 गुना 400 रिले दौड़ में जीता गोल्ड 

 तीन पदक जीतने वाली पहली एथलीट बनी , गांव में मना जश्न 

मेरठ । दक्षिण कोरिया में चल रही 26 वीं एशियाई एथलेक्टिस चैम्पियनशिप मे तीसरा दिन भारत के लिए काफी खुशी लेकर आया जब मेरठ के रूपल चौधरी ने महिला की्र   4 गुना 400 रिले दौड़ में स्वर्ण पदक जीत कर मेरठ नहीं वरन देश का नाम किया। मेरठ के रूपल चौधरी का यह तीन पदक है। इससे पूर्व  उसने  एक गोल्ड व एक सिल्वर पदक दक्षिण कोरिया  में चल रही एथलेटिक्स प्रतियोगिता में  जीत चुकी है।  रूपल के गांव रोहटा रोड स्थित जैनपुर गांव में जश्न का माहौल बना है। बधाई देने वालों को ताता लगा हुआ है। 
 बता दें रोहटा रोड़ जैनपुर गांव के किसान ओमबीर  के बेटी रूपल चौधरी ने गांव में रहकर प्रैक्टिस करनी आरंभ कर दी थी।  बेटी का लगाव को देखते हुए ओमवीर ने उसे कैलाश प्रकाश में  कोचिंग करायी। रूपल ने जिला एथलेटिक्स के सचिव अन्न कुमार से एथलेटिक्स का कखग सीखा। उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 
 गुरुवार को महिलाओं की    4 गुणा 400 रिले दौड़ में उनके साथ जिस्ना मैथ्यू ,रजिता कुंजा, व शोभा वेक्टेशन थी। शुरुआत में भारत महिला चौकड़ी शुरुआत से ही बढ़त बना ली। चारो महिला धावकों अपना सब कुछ दांव पर लगाते हुए 3 :34 .18  का समय लेते हुए प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। 
 दूसरे स्थान पर वियतनाम की टीम रही । जिसने 3:34.77 मिनट का समय लिया। तीसरे स्थान पर श्रीलंका की महिला टीम रही। जिसने 3:36.67 मिनट का समय लिया। 
 जैनपुर में मनाया गया जश्न 
 बेटी के दो दिन में तीन पदक जीतने पर जैनपुर में जश्न का  माहौल बना हुआ गुरुवार को रूपल कें इंवेट को टीवी के सामने नजर जमाए बैठे परिजनों न गांव वालों ने जैसे ही रूपल ने फिनिशिंग लाइन को पार की सोने का अपने नाम किया। पूरा गांव ढोल धमाकों से गुंज उठा। बेटी के पदक जीतने पर पिता ओमबीर को ग्रामीणों ने बधाई दी। 

वहीं, मेरठ के इकलौता गांव निवासी पारुल चौधरी 3000 मीटर स्टीपल चेज में अब शुक्रवार को प्रतिभाग करेंगी। 31 मई को पारुल 5000 मीटर दौड़ में पदक के लिए दौड़ेंगी।

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