टाटा पावर ने यूपी में 300 से अधिक महत्वपूर्ण सार्वजनिक संस्थानों को रूफटॉप सोलर ऊर्जा से रोशन किया

मेरठ।   टाटा पावर ने उत्तर प्रदेश की स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, स्थिरता और नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करते हुए राज्य भर में 300 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को सफलतापूर्वक सौर ऊर्जा से रोशन किया है। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों के अनुरूप है। राज्य में रूफटॉप सोलर ऊर्जा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई है। सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देकर, टाटा पावर न केवल स्वच्छ और सस्ती बिजली के साथ घरों को सशक्त बनाने के राज्य के दृष्टिकोण का समर्थन करता है, बल्कि राष्ट्र के लिए एक हरित, अधिक लचीले और ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

पारंपरिक ग्रिड कनेक्टिविटी बैकअप के लिए उपलब्ध है, लेकिन अब इन संस्थानों में सौर ऊर्जा  हर दिन के संचालन के लिए प्राथमिक तौर पर इस्तेमाल में लायी जाती है। 2027 तक 4 गीगावाट की छत सौर क्षमता और 2026-27 तक 22,000 मेगावाट की समग्र सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के उत्तर प्रदेश के व्यापक दृष्टिकोण में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे शहरों को सतत शहरी विकास के मॉडल में बदला जा सकता है। टाटा पावर ने यूपीएनईडीए के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और पूरे राज्य में स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की सुविधा के लिए मिलकर काम कर रहा है।

यह पहल न केवल बुनियादी ढांचे के विस्तार को दर्शाती है, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक संस्थानों द्वारा ऊर्जा का अनुभव करने और उसका इस्तेमाल करने के तरीके में एक आदर्श बदलाव का भी प्रतिनिधित्व करती है - जिससे विश्वसनीयता एक आकांक्षा के बजाय वास्तविकता बन चुकी है।

एनएचपीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ रणनीतिक साझेदारी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और केनरा बैंक जैसी संस्थाओं के साथ वित्तीय सहयोग के माध्यम से टाटा पावर ने सौर ऊर्जा अपनाने में अपने नेतृत्व को और भी बढ़ाया है। ये गठबंधन  परियोजना का सुचारु निष्पादन और सौर ऊर्जा को सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अपनाए जाने के लिए फाइनेंसिंग को आसान बनाते हैं।

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