गो आश्रय स्थलों में गोवंशो को प्रतिदिन हरा चारा, भूसा, दाना, चौकर पर्याप्त मात्रा में खिलाया जाये- सदस्य यूपी गोसेवा आयोग
गो आश्रय स्थलों में गोवंशो को प्रतिदिन हरा चारा, भूसा, दाना, चौकर पर्याप्त मात्रा में खिलाया जाये
सदस्य गो सेवा आयोग, लखनऊ ने किया अस्थाई गो आश्रय स्थल बिलौरा उर्फ डालूहेडा का निरीक्षण
मेरठ । गुरूवार को विकास भवन सभागार में सदस्य, उ.प्र. गोसेवा आयोग लखनऊ रमाकान्त उपाध्याय की अध्यक्षता में गो संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति के अधिकारियों/पदाधिकारियों के साथ गोवंश संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आहूत की गई। सर्वप्रथम मुख्य पशु चिकित्साधिकारी-मेरठ डा. संदीप कुमार द्वारा सदस्य उ.प्र. गो सेवा आयोग लखनऊ का बुके देकर स्वागत किया उसके पश्चात् सदस्य, उ.प्र. गो सेवा आयोग लखनऊ को सभी अधिकारियों द्वारा अपना परिचय दिया।
सदस्य उ.प्र. गो सेवा आयोग लखनऊ रमाकान्त उपाध्याय द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि समस्त गो आश्रय स्थलों में गोवंशो को प्रतिदिन हरा चारा, भूसा, दाना, चौकर आदि पर्याप्त मात्रा में खिलाया जाये तथा सम्बन्धित अधिकारी अपनी निगरानी मे गो आश्रय स्थल में भूसा/हरा चारा व दाना चौकर डलवायें।
सदस्य द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि पशुपालक/कृषको/व्यक्तियों को गाय के दूध, गौमूत्र, गाय के गोबर के उपयोग के सम्बन्ध में बताया जायें तथा“ सर्व दैवीय गौमाता“ के महत्व के सम्बन्ध में वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायें। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि गाय के घी को हवन पूजा आदि में प्रयोग किया जाये इससे वैज्ञानिक तथा धार्मिक विधि से मनुष्य/पशु/पक्षियों/पर्यावरण को लाभ मिलता है तथा गोमूत्र के प्रयोग से मनुष्य में बीमारी फैलने से बचाव होता है।
सदस्य द्वारा निर्देशित किया गया कि ब्लॉक स्तर पर एक बैठक का आयोजन कर ग्राम प्रधान/ग्राम सचिव को खण्ड विकास अधिकारी द्वारा मा० मुख्यमंत्री सहभागिता योजना में एक ग्राम में कम से कम 20 गोवंश को सुपुर्दगी में दिया जायें, जिससे निराश्रित गोवंश से निजात मिलेगी तथा सुपुर्दगी में दिये गये गोवंश के सहभागी को ही बायो गैस प्लांट के सम्बन्ध में जानकारी देकर छूट पर बायोगैस प्लांट लगवाये जिससें पशुपालक/कृषक उसका सदुपयोग कर जैविक खेती भी कर सकें जिससे न किसान को यूरिया खरीदना पड़ेगा और न ही डी.ए.पी. खाद, जैविक खेती करने से कृषि विभाग द्वारा उसको अन्य योजना का लाभ भी दिया जायेगा। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि जैविक खेती से किसान की आमदनी दोगुनी होगी तथा उसकी आर्थिक व सामाजिक स्तर में सुधार होगा तथा जैविक खेती करने से उसको मंहगा रसायन खाद भी नहीं खरीदना पड़ेगा और जैविक खेती करने से मनुष्य में बीमारी फैलने से भी बचाव होगा।
सदस्य गो सेवा आयोग, उ.प्र लखनऊ द्वारा अस्थाई गो आश्रय स्थल बिलौरा उर्फ डालूहेडा का निरीक्षण किया तथा साफ-सफाई को देखा गया। मा० सदस्य द्वारा सम्बन्धित कार्मिको को निर्देशित किया गया कि गौवंश को प्रतिदिन भूसा/हरा चारा, दाना चौकर आदि खिलाया जायें। इस अवसर पर समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत/नगर पालिका एवं खण्ड विकास अधिकारियों/उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।
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