चौधरी चरण सिंह विवि में "भारत ब्लॉकचेन स्किल हब" की प्रस्तुति
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला समेत विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिखाई गहरी रुचि
मेरठ।तकनीकी नवाचार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में ‘भारत ब्लॉकचेन स्किल हब’ (BBSH) की स्थापना का प्रस्ताव शनिवार को प्रस्तुत किया गया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, प्रतिकुलपति प्रो. मृदुल कुमार गुप्ता, शोध निदेशक प्रो. बीरपाल सिंह, डीन साइंस फैकल्टी प्रो.जयमाला,कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार वर्मा एस.सी.आर.आई.इ.टी. के डायरेक्टर डॉ. नीरज सिंघल,नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर संदीप कुमार, विश्वविद्यालय अभियंता मनीष मिश्रा, प्रो. मुकेश कुमार शर्मा(प्रोफेसर इंचार्ज, विश्वविद्यालय मीडिया सेल) सहित वरिष्ठ अधिकारियों एवं शिक्षकों के समक्ष आई.डी.एस. IDS इनफार्मेशन डाटा सिस्टम्स ) के ग्लोबल वॉइस प्रेजिडेंट- ब्लाकचैन, श्री अरविंद वॉरुगंती, एवं बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव श्री गौरव शर्मा ने इस परियोजना का विस्तृत खाका पेश किया।
प्रस्तुति में बताया गया कि विश्वविद्यालय परिसर में ‘ब्लॉकचेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (CoE) स्थापित किया जाएगा, जो ‘हब एंड स्पोक मॉडल’ के तहत कार्य करेगा। मेरठ को मुख्य केंद्र (हब) बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 25 से अधिक शिक्षण संस्थानों में ‘एप्लाइड ब्लॉकचेन सेंटर्स’ (स्पोक्स) खोले जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्लॉकचेन प्रमाणपत्र, व्यावहारिक प्रोजेक्ट्स, स्टार्टअप इनक्यूबेशन और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
उनके अनुसार तकनीकी शिक्षा और स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा
भारत ब्लॉकचेन स्किल हब परियोजना के तहत अगले पांच वर्षों में 25,000 से अधिक छात्रों और 500 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। छात्रों को हाइपरलेजर, हेडेरा जैसे प्रमुख ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म्स पर प्रशिक्षण एवं प्रमाणन दिलाया जाएगा। साथ ही, सफल छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में इंटर्नशिप और नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
प्रस्तुति में बताया कि स्टार्टअप ट्रैक के अंतर्गत छात्रों को उनके नवाचार आधारित विचारों को विकसित करने के लिए पूर्ण सहयोग दिया जाएगा — आईडिया वर्कशॉप, प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट डेवलपमेंट से लेकर इनक्यूबेशन सपोर्ट तक। चयनित स्टार्टअप्स को 5 से 10 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग दिलाने का लक्ष्य तय किया जा सकता है।
राष्ट्रीय मिशनों से सीधे जुड़ाव पर प्रस्तुतिकर्ताओं ने कहा कि यह पहल ‘स्किल इंडिया मिशन’, ‘राष्ट्रीय ब्लॉकचेन रणनीति’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों के उद्देश्यों के अनुरूप है। इससे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय ब्लॉकचेन नवाचार मानचित्र पर विशेष पहचान मिलेगी।
प्रस्तुति में यह भी बताया गया कि IDS पहले ही कई प्रतिष्ठित संस्थानों में सफलतापूर्वक ब्लॉकचेन केंद्र स्थापित कर चुका है। IDS भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के साथ सहयोगी के रूप में कार्य करता रहा है।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने जताई प्रसन्नता
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस प्रस्तुतीकरण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा,"ब्लॉकचेन जैसी उन्नत तकनीक में दक्षता आज के छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सदैव अकादमिक नवाचार में अग्रणी रहा है, और इस प्रकार की परियोजनाओं पर सकारात्मक रूप से विचार करता है।"बैठक के अंत में कुलपति ने IDS टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र ही इस परियोजना पर अग्रिम कार्यवाही करेगा।
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