मेडिकल कॉलेज में 'विश्व मलेरिया दिवस' पर सेमिनार एवं जागरूकता अभियान का आयोजन
मेरठ। मेडिकल कॉलेज मेरठ के मेडिसिन विभाग द्वारा विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस वर्ष विश्व मलेरिया कार्यक्रम की थीम:- “पुनर्निवेश करे, पुनर्कल्पना करे, पुनर्जीवन करे” है, पर विशेष चर्चा हुई। सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ. हर्ष(मेडिसिन विभाग) ने मलेरिया के नवीनतम निदान, उपचार और रोकथाम के उपायों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
डा. हर्ष ने बताया मलेरिया एक मच्छर जनित जानलेवा बीमारी है, जो प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होती है। यह संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगकर कंपकंपी, सिरदर्द, उल्टी और थकान शामिल हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह गंभीर एनीमिया, मस्तिष्क ज्वर (सेरेब्रल मलेरिया) और मृत्यु का कारण बन सकता है। भारत सहित कई विकासशील देशों में यह एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है।
सेमिनार में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.सी. गुप्ता, मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह, तथा अन्य वरिष्ठ आचार्य डॉ. आभा गुप्ता, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. संध्या गौतम, डॉ. श्वेता शर्मा, डॉ. स्नेहलता वर्मा (नोडल संचारी रोग), डॉ. पंकज आदि उपस्थित रहे। इसके अलावा कम्युनिटी मैडिसन विभाग के फैकल्टी सदस्यों डॉ. संजीव कुमार, डॉ. नीलम, डॉ. सीमा जैन और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के जूनियर रेजिडेंट्स ने भी सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया। कम्युनिटी मैडिसन विभाग द्वारा जनरल ओपीडी , RHTC माछरा और Urban Heath Centre, पर भी आने वाले रोगियों को मलेरिया के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई एवं उन्हें मलेरिया के प्रति जागरूक किया गया।
ये रहे सेमिनार के मुख्य बिंदु
-मलेरिया के नए डायग्नोस्टिक टूल्स और उपचार प्रोटोकॉल पर चर्चा
-मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए सामुदायिक जागरूकता पर जोर
-WHO द्वारा निर्धारित वैश्विक मलेरिया उन्मूलन रणनीतियों का विश्लेषण
-गर्भवती महिलाओं और बच्चों में मलेरिया के जोखिम और बचाव पर विशेष सत्र रहे।
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