अब होगा करारा प्रहार
राजीव त्यागी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ठीक एक सप्ताह बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों की मानें तो उन्होंने आतंकवाद पर 'करारा प्रहार' करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ ही सेना, नौसेना तथा वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ठीक एक सप्ताह बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों की मानें तो उन्होंने आतंकवाद पर 'करारा प्रहार' करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ ही सेना, नौसेना तथा वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद थे।
नरसंहार के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। उसमें सवाल जरूर उठे होंगे, लिहाजा मोदी सरकार ने खुफिया-सुरक्षा चूक को भी स्वीकार किया। जो नेता कट्टरपंथी किस्म के दिखाई देते हैं, आज वे भी सरकार के साथ हैं और प्रधानमंत्री मोदी के किसी भी फैसले का समर्थन कर रहे हैं। वक्फ जैसा संवेदनशील मुद्दा नेपथ्य में डाल दिया गया है। फिलहाल आतंकवाद पर आंख गड़ी है और उसे सबक सिखाना है। दिल्ली से कश्मीर तक बैठकों और गहन जांच के दौर जारी हैं। जांच में इसरो को भी शामिल किया गया है। 10 आतंकियों के घर जमींदोज कर दिए गए हैं। करीब 2000 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच 40 मिनट की मुलाकात हुई। माना जा रहा है कि बैठक का एजेंडा कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी की समीक्षा करना और सीमा पार आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से सैन्य और रणनीतिक विकल्पों पर विचार-विमर्श करना था। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद पर करारा प्रहार हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।
मंगलवार की बैठक को इस संकल्प को अमली जामा पहनाने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर बैठक के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन जल्द ही पहलगाम के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है। पहलगाम हमले के बाद, सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर विशिष्ट इकाइयों को ऑपरेशनल रेडीनेस मोड में रखा गया है। ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्ट्स पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के लॉन्च पैड्स की गहन निगरानी कर रहे हैं।
लेखक एक स्वत्रंत पत्रकार है
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